ADVERTISEMENTREMOVE AD

धर्म परिवर्तन पर मोदी सरकार सख्त, NGO के विदेशी फंड नियम में बदलाव

केंद्र सरकार ने विदेशी चंदा कानून 2011 (FCRA) में बदलाव करने का ऐलान किया है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

विदेशों से भारी मात्रा में चंदा लेने वाले धार्मिक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) पर मोदी सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में हैं. केंद्र सरकार ने विदेशी चंदा कानून 2011 (FCRA) में बदलाव करने का ऐलान किया है.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, NGO के पदाधिकारियों, मैनेजरों और हर सदस्य को ये प्रमाणित करना होगा कि धर्मांतरण कराने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए उनको न तो दोषी ठहराया गया है, न ही कोई मुकदमा चलाया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार ने ये कदम कुछ जांच एजेंसियों की ओर से धर्मांतरण में NGO के शामिल होने की शिकायत मिलने के बाद उठाया है. कई NGOs के खिलाफ विदेशों से फंड लेकर धर्मांतरण के काम में इस्तेमाल किए जाने की शिकायत है.

पहले और अब नियम में कितना बदलाव

विदेशी चंदा कानून 2011 में बदलाव के बाद NGO को एक लाख रुपये तक के गिफ्ट मिलने पर सरकार को लिखित जानकारी देना जरूरी नहीं होगा. इससे पहले ये लिमिट 25 हजार रुपये थी.

इससे पहले एफसीआरए 2010 के अनुसार, विदेश से फंडिंग पाने वाले एनजीओ के डायरेक्टर को ही प्रमाण-पत्र देने की जरूरत थी. लेकिन अब एनजीओ के हर सदस्य को प्रमाण-पत्र देना होगा कि विदेशी चंदे को किसी दूसरे गलत काम में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

FCRA में बदलाव के बाद, सदस्यों को विदेश में इलाज कराने के लिए भी हलफनामा देना होगा. अगर कोई सदस्य इमरजेंसी में विदेश में अपना इलाज कराता है और वहां किसी विदेशी से मदद लेता है, तो ऐसी स्थिति में उसे एक महीने के अंदर सरकार को जानकारी देनी होगी. उसने किस माध्यम से और इंडियन करेंसी में कितने रुपये की मदद ली है, ये सब ब्योरा सरकार को देना होगा. पहले इसकी समयसीमा दो महीने थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×