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दिन में क्रिकेट और रात में आतंकवाद, ये नहीं चल सकताः विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद फैलाता और फिर आसानी से मुकर भी जाता है

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को मिल रहे समर्थन को दोनों देशों के बीच रिश्ते की रुकावट बताया है. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच न होने के सवाल पर कहा है कि दिन में क्रिकेट और रात में आतंकवाद नहीं चल सकता.

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जयशंकर बुधवार 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि दोनों देशों ने साथ में क्रिकेट खेलना क्यों बंद कर दिया, तो जयशंकर ने उरी, पठानकोट और पुलवामा हमलों का हवाला देते हुए कहा,

‘‘अगर किसी संबंध पर आतंकवाद, आत्मघाती हमले, हिंसा का नैरेटिव हावी हो और फिर आप कहें, ‘अच्छा चलिए, अब साथ में चाय पीते हैं, चलो क्रिकेट खेलते हैं’, तो लोगों को ये सब बता पाना बेहद मुश्किल होगा.”

भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की इजाजत पर जयशंकर ने कहा,

‘‘किसी लोकतंत्र में जनभावना महत्व रखती है और मैं ये संदेश मैं नहीं देना चाहता हूं कि आप रात में आतंकवाद करते रहो और दिन में सब कुछ सामान्य चलता रहेगा. बदकिस्मती से यही संदेश हम देंगे अगर हम इजाजत देते हैं.”

आतंक फैलाने वाले देश से बातचीत कैसे करें?

इसके साथ ही जयशंकर से कश्मीर के बारे में भी सवाल किया गया और नई दिल्ली और इस्लामाबाद के संबंधों के बारे में भी पूछा गया.

उन्होंने कहा,

‘‘आपने दो प्रमुख शब्दों का प्रयोग किया है और मैं उनमें फर्क करते हुए अपनी बात की शुरुआत करना चाहता हूं. एक शब्द था कश्मीर और दूसरा था पाकिस्तान. और मैं ऐसा करने की वजह भी आपको बताऊंगा. मैं नहीं समझता कि भारत और पाकिस्तान के बीच बुनियादी मुद्दा कश्मीर है. मेरा खयाल है कि यह हमारे बीच के कई मुद्दों का एक हिस्सा है.’’

जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए मुद्दा यह नहीं है कि वह पाकिस्तान से बात करेगा या नहीं लेकिन मुद्दा यह है कि भारत एक ऐसे देश से बात कैसे कर सकता है जो आतंकवाद फैलाता है.

‘‘वह यह (आतंकवाद) करते हैं, हालांकि दिखावा ऐसा करते हैं कि वह यह नहीं कर रहे. वो जानते हैं कि दिखावे में गंभीरता नहीं है लेकिन फिर भी वह ऐसा करते हैं. अब आप इसका क्या उपाय निकालेंगे, मुझे लगता है कि यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है. ’’
एस जयशंकर, विदेश मंत्री

सीमापार से रची साजिश और वहीं से भारत में अंजाम दिए गए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि मुंबई जहां नवंबर 2008 में हमला हुआ था, वह कश्मीर से महज कुछ हजार मील ही दूर है.

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