26 फरवरी 2019 को भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया था. आज उसी बालाकोट एयरस्ट्राइक को हुए एक साल पूरा हो गया. बालाकोट एयरस्ट्राइक पर पूर्व एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने कहा है कि जब हमने पाकिस्तान पर ये हमला किया तो पाकिस्तान को इस घटना की भनक तक नहीं थी. जिस ठिकाने पर हमला किया उसकी 150 किलोमीटर की रेंज में कोई भी एयरक्राफ्ट नहीं था.
बीएस धनोआ ने ANI के साथ इंटरव्यू में बताया कि तकनीकी तौर पर सरकार को यही बताया गया कि हमारी स्ट्राइक कामयाब हो गई है. एयरस्ट्राइक का छुपा हुआ संदेश था कि ‘दुश्मन कहीं भी हो, हम घुसकर मारेंगे.’
हमने जिस तरह से अपने ऑपरेशंस तो अंजाम देते रहे हैं, बालाकोट एयरस्ट्राइक से उसमें एक बड़ा बदलाव आया है. दूसरे पक्ष को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हम पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमला कर सकते हैं.
पाकिस्तान से कुछ सवाल
पूर्व एयरफोर्स चीफ ने कहा है कि पाकिस्तान को कुछ सवालों के जवाब देने चाहिए. भारतीय एयरफोर्स के विमान भाग क्यों पाए? हम स्टैंडऑफ हथियारों से हमला किया था हम जंगलों पर हमला क्यों करते? उनको टारगेट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उनको कोई जानकारी नहीं थी कि हम किस तरह के हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनको बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था.
एयर स्ट्राइक के वक्त अत्यधिक हाई एलर्ट पर थी IAF
धनोआ ने कहा पाकिस्तान की जो एयरफोर्स थी वो ISI और नेशनल लीडरशिप के संपर्क में नहीं थी. भावलपुर जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय माना जाता है. उन्होंने सोचा कि भारतीय एयरफोर्स जैश-ए-मोहम्मद को संदेश देने के लिए वहां हमला करेगी. जहां तक एयर डिफेंस अलर्ट की बात है तो हम अत्यधित हाई अलर्ट पर थे. जब पुलवामा हुआ तो उनको यकीन था कि भारतीय सरकार जवाबी कार्रवाई करेगी. हमने उरी के बाद भी जवाब दिया था.
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