ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिनभर बिठाने के बाद SC ने नागेश्वर राव से कहा, ‘अब जा सकते हो’

सीबीआई के पूर्व चीफ नागेश्वर राव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था अवमानना का नोटिस

Updated
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

अदालत की अवमानना के मामले में पूर्व सीबीआई अंतरिम चीफ नागेश्वर राव ने एक दिन कोर्ट में बैठने की अपनी सजा पूरी कर ली है. सजा के तौर पर दिनभर कोर्ट में बैठने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव को जाने की अनुमति दे दी.

सीबीआई का अंतरिम चीफ रहते हुए नागेश्वर राव ने जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला कर दिया था, उस वक्त एके शर्मा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच कर रहे थे. तबादला करते वक्त नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत नहीं ली थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अवमानना का नोटिस भेजा था. कोर्ट ने सजा के तौर पर नागेश्वर राव को पूरे दिन कोर्ट में बैठने को कहा और साथ ही उनपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
एम नागेश्वर राव ने सोमवार को स्वीकार किया था कि उन्होंने ‘गलती’ की और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए माफी मांगते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी.

सीबीआई की तरफ से अटार्नी जनरल ने दलील रखी कि नागेश्वर राव ने माफी मांगी है और उन्होंने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं की है. चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लीगल एडवाइजर ने कहा था कि एके शर्मा का ट्रांसफर करने से पहले सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दायर कर इजाजत मांगी जाए, लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया. CJI ने कहा कि ट्रांसफर करने से पहले कोर्ट में एफिडेविट देना चाहिए था.

बिना शर्त मांगी माफी

नागेश्वर राव ने सात फरवरी को उन्हें जारी अवमानना नोटिस के जवाब में एक हलफनामा दायर किया. उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगते हैं.

नागेश्वर राव ने अपने माफीनामे में कहा, ‘‘मैं गंभीरता से अपनी गलती महसूस करता हूं और बिना शर्त माफी मांगने के दौरान मैं विशेष रूप से कहता हूं कि मैंने जानबूझकर इस अदालत के आदेश का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि मैं सपने में भी इस अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच नहीं सकता.’’

सुप्रीम कोर्ट ने उसके आदेश का उल्लंघन करते हुए ए के शर्मा का एजेंसी के बाहर तबादला करने के लिए सात फरवरी को सीबीआई को फटकार लगाई थी और राव को 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उसके सामने हाजिर होने को कहा था.आपको बता दें कि ए के शर्मा बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच भी कर रहे थे.

सीआरपीएफ में कर दिया था तबादला

सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर एम नागेश्वर राव ने जॉइंट डायरेक्टर ए के शर्मा का सीआरपीएफ में तबादला कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने अवमानना के लिए राव को समन भेजा था.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों का उल्लंघन किए जाने को गंभीरता से लेते हुए ए के शर्मा का कोर्ट की पूर्व अनुमति के बगैर 17 जनवरी को सीआरपीएफ में तबादला किए जाने पर नागेश्वर राव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था.

(इनपुट-भाषा)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×