'सबसे बड़ा आर्थिक सुधार' कहे जाने वाला जीएसटी बिल बुधवार को लोकसभा में पास हो गया. घंटों चली बहस के बाद लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी दे दी. इसी के साथ सरकार ने आश्वस्त किया कि नई कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हित पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे.
केंद्र सरकार जीएसटी को 1 अप्रैल से लागू कराना चाहती थी. लेकिन ये डेडलाइन मिस होने के बाद अब सरकार इसे 1 जुलाई से देशभर में लागू करना चाहती है. जीएसटी आने के बाद पूरा देश एक बाजार के तौर पर तब्दील हो जाएगाा. देश में वस्तुओं और सेवाओं की दर को एक समान रखा जाएगा.
ध्वनिमत से पारित हुआ जीएसटी
लोकसभा में केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सम्मिलित चर्चा के बाद कुछ सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर करते हुए ध्वनिमत से पारित कर दिया. धन विधेयक होने के कारण इन चारों विधेयकों पर अब राज्यसभा को केवल चर्चा करने का अधिकार होगा.
‘जीएसटी लागू होने से सामान सस्ते होंगे’
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने इस बिल को गेमचेंजर बताया. साथ ही उन्होंने बिल से जुड़े कुछ प्रावधानों का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत खाने-पीने के जरूरी सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यानी, पहला टैक्स स्लैब शून्य होगा जबकि दूसरा स्लैब 5% और तीसरा स्लैब 12% और 18% का है. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद सभी प्रकार के करों को खत्म कर दिया जाएगा, जिससे सामान थोड़े सस्ते हो जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
जीएसटी के लोकसभा में पास होने के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर देशवासियों को बधाई दी हैे. प्रधानमंत्री ने लिखा है-
GST बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई. नया साल, नया कानून, नया भारत!
बता दें कि सरकार बनने के बाद से ही केंद्र सरकार के लिए जीएसटी प्राथमिकताओं में शुमार है.
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