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निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस: सात साल बाद चारों दोषियों को फांसी

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई.

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निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई. दिल्ली की तिहाड़ जेल में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी दी गई.

फांसी के बाद दिल्ली समेत पूरे देश में जश्न का माहौल है, निर्भया के बलिया स्थित गांव में लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर और रंग लगाकर जश्न मनाया.

यह दिन देश की बेटियों को समर्पित है : निर्भया की मां

दोषियों की फांसी पर निर्भया की मां का कहना है कि यह एक लंबा संघर्ष था. उन्होंने कहा, ''आखिरकार उनको फांसी पर लटका दिया गया. यह लंबा संघर्ष था. आज हमें न्याय मिल गया. यह दिन देश की बेटियों को समर्पित है. मैं न्यायपालिका और सरकार का शुक्रिया अदा करती हूं.''

निर्भया की मां ने कहा, ‘’हमारी बेटी अब नहीं है और वो लौटेगी भी नहीं. हमने उसके जाने के बाद यह लड़ाई शुरू की थी. यह संघर्ष उसके लिए था, लेकिन हम हमारी बेटियों के लिए भविष्य में भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे.’’

इसके अलावा उन्होंने कहा ''इन दोषियों की फांसी के बाद महिलाएं निश्चित तौर पर सुरक्षित महसूस करेंगी.'' वहीं निर्भया के पिता का कहना है कि ''आज हमारी जीत हुई है और ये मीडिया, समाज और दिल्ली पुलिस की वजह से हुई है.''

क्या था मामला ?

23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में गैंगरेप किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.

निर्भया मामले में चारों दोषियों और एक नाबालिग सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे. छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. एक सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद 2015 में नाबालिग को रिहा कर दिया गया था.

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