300 से अधिक भारतीय यात्रियों को लेकर निकारागुआ जा रहे एक विमान को संदिग्ध "मानव तस्करी" के आरोप में फ्रांस में रोक दिया गया है, जबकि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, फ्रांस (France) में भारतीय दूतावास ने कहा कि वे स्थिति की जांच कर रहे हैं.
अज्ञात टिप, 'मानव तस्करी': फ्रांस ने 300 भारतीयों वाले विमान को क्यों रोका?
1. भारत ने क्या कहा?
फ्रांस में भारतीय दूतावास ने 'X' पर पोस्ट कर लिखा, "फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमें सूचित किया कि दुबई से निकारागुआ जा रहे एक विमान में 303 लोग सवार थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के लोग थे, जिन्हें फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर तकनीकी रुकावट के कारण हिरासत में लिया गया था. दूतावास की टीम पहुंच गई है और काउंसलर एक्सेस प्राप्त कर लिया है. हम स्थिति की जांच कर रहे हैं, साथ ही यात्रियों की भलाई भी सुनिश्चित कर रहे हैं."
Expand2. फ्रांसी अधिकारियों ने क्या कहा?
पेरिस अभियोजकों ने कहा कि विमान को एक अज्ञात सूचना के बाद हिरासत में लिया गया था और कहा गया था कि इसमें 303 भारतीय यात्री सवार थे.
रॉयटर्स ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि विमान ने संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरी थी और यात्रा की शर्तों और उद्देश्यों की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है.
अधिकारी मानव तस्करी के संदेह की जांच कर रहे थे.
Expand3. एयरलाइंस की वकील ने क्या कहा?
AFP से बात करते हुए लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बकायोको ने बताया कि कंपनी का मानना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, कोई अपराध नहीं किया है "और वह फ्रांसीसी अधिकारियों से मामला खत्म करने में है". उन्होंने कहा, लेकिन अगर अभियोजक आरोप दायर करते हैं तो एयरलाइन कानूनी कार्रवाई करेगी.
Expand4. फ्लाइट के बारे में क्या पता चला?
यह उड़ान एक रोमानियाई चार्टर कंपनी द्वारा की गई थी और दुबई से रवाना हुई थी. जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो यह तकनीकी ठहराव के लिए छोटे वैट्री हवाई अड्डे पर उतरा.
यात्रियों को पहले विमान में ही रहने की अनुमति दी गई लेकिन बाद में हवाई अड्डे के आगमन लाउंज को बिस्तरों के साथ वेटिंग एरिया में बदल दिया गया.
पुलिस ने कहा, "यात्रियों को सर्वोत्तम संभव स्वागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए वैट्री हवाई अड्डे पर रिसेप्शन हॉल को अलग-अलग बिस्तरों के साथ एक वेटिंग एरिया में बदल दिया गया था."
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई लोगों को हवाईअड्डे में कैद कर दिया गया है, जिसे पुलिस ने सील कर दिया है और यात्रा के उद्देश्य की जांच शुरू कर दी गई है. BBC के अनुसार स्थानीय अधिकारियों ने यह भी कहा कि माना जाता है कि कुछ यात्री अवैध प्रवासी थे.
Expand5. JUNALCO कर रही मामले की जांच
AFP के अनुसार, अभियोजकों ने कहा कि फ्रांस की राष्ट्रीय संगठित अपराध विरोधी इकाई जुनाल्को (JUNALCO) ने जांच अपने हाथ में ले ली है. रोमानियाई कंपनी लीजेंड एयरलाइंस द्वारा संचालित A340, "लैंडिंग के बाद वैट्री हवाई अड्डे पर टरमैक पर खड़ा रहा".
Expand6. कौन यात्री थे?
AFP ने सूत्रों का हवाला से बताया कि भारतीय यात्रियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका या कनाडा में अवैध प्रवेश का प्रयास करने के लिए मध्य अमेरिका की यात्रा करने की योजना बनाई होगी.
Expand7. क्या कहता है कानून?
NDTV के अनुसार, पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डा ज्यादातर बजट एयरलाइनों को सेवा प्रदान करता है. अगर कोई विदेशी नागरिक फ़्रांस में उतरता है और उसे अपने इच्छित गंतव्य तक यात्रा करने से रोका जाता है, तो बॉर्डर पुलिस शुरू में उसे चार दिनों तक रोक सकती है.
फ्रांसीसी कानून उस अवधि को आठ दिनों तक बढ़ाने की अनुमति देता है. अगर कोई जज इसे मंजूरी देता है, तो असाधारण परिस्थितियों में आठ दिन और, अधिकतम 26 दिनों तक रोका जा सकता है. फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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भारत ने क्या कहा?
फ्रांस में भारतीय दूतावास ने 'X' पर पोस्ट कर लिखा, "फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमें सूचित किया कि दुबई से निकारागुआ जा रहे एक विमान में 303 लोग सवार थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के लोग थे, जिन्हें फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर तकनीकी रुकावट के कारण हिरासत में लिया गया था. दूतावास की टीम पहुंच गई है और काउंसलर एक्सेस प्राप्त कर लिया है. हम स्थिति की जांच कर रहे हैं, साथ ही यात्रियों की भलाई भी सुनिश्चित कर रहे हैं."
फ्रांसी अधिकारियों ने क्या कहा?
पेरिस अभियोजकों ने कहा कि विमान को एक अज्ञात सूचना के बाद हिरासत में लिया गया था और कहा गया था कि इसमें 303 भारतीय यात्री सवार थे.
रॉयटर्स ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि विमान ने संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरी थी और यात्रा की शर्तों और उद्देश्यों की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है.
अधिकारी मानव तस्करी के संदेह की जांच कर रहे थे.
एयरलाइंस की वकील ने क्या कहा?
AFP से बात करते हुए लीजेंड एयरलाइंस की वकील लिलियाना बकायोको ने बताया कि कंपनी का मानना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, कोई अपराध नहीं किया है "और वह फ्रांसीसी अधिकारियों से मामला खत्म करने में है". उन्होंने कहा, लेकिन अगर अभियोजक आरोप दायर करते हैं तो एयरलाइन कानूनी कार्रवाई करेगी.
फ्लाइट के बारे में क्या पता चला?
यह उड़ान एक रोमानियाई चार्टर कंपनी द्वारा की गई थी और दुबई से रवाना हुई थी. जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो यह तकनीकी ठहराव के लिए छोटे वैट्री हवाई अड्डे पर उतरा.
यात्रियों को पहले विमान में ही रहने की अनुमति दी गई लेकिन बाद में हवाई अड्डे के आगमन लाउंज को बिस्तरों के साथ वेटिंग एरिया में बदल दिया गया.
पुलिस ने कहा, "यात्रियों को सर्वोत्तम संभव स्वागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए वैट्री हवाई अड्डे पर रिसेप्शन हॉल को अलग-अलग बिस्तरों के साथ एक वेटिंग एरिया में बदल दिया गया था."
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई लोगों को हवाईअड्डे में कैद कर दिया गया है, जिसे पुलिस ने सील कर दिया है और यात्रा के उद्देश्य की जांच शुरू कर दी गई है. BBC के अनुसार स्थानीय अधिकारियों ने यह भी कहा कि माना जाता है कि कुछ यात्री अवैध प्रवासी थे.
JUNALCO कर रही मामले की जांच
AFP के अनुसार, अभियोजकों ने कहा कि फ्रांस की राष्ट्रीय संगठित अपराध विरोधी इकाई जुनाल्को (JUNALCO) ने जांच अपने हाथ में ले ली है. रोमानियाई कंपनी लीजेंड एयरलाइंस द्वारा संचालित A340, "लैंडिंग के बाद वैट्री हवाई अड्डे पर टरमैक पर खड़ा रहा".
कौन यात्री थे?
AFP ने सूत्रों का हवाला से बताया कि भारतीय यात्रियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका या कनाडा में अवैध प्रवेश का प्रयास करने के लिए मध्य अमेरिका की यात्रा करने की योजना बनाई होगी.
क्या कहता है कानून?
NDTV के अनुसार, पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डा ज्यादातर बजट एयरलाइनों को सेवा प्रदान करता है. अगर कोई विदेशी नागरिक फ़्रांस में उतरता है और उसे अपने इच्छित गंतव्य तक यात्रा करने से रोका जाता है, तो बॉर्डर पुलिस शुरू में उसे चार दिनों तक रोक सकती है.
फ्रांसीसी कानून उस अवधि को आठ दिनों तक बढ़ाने की अनुमति देता है. अगर कोई जज इसे मंजूरी देता है, तो असाधारण परिस्थितियों में आठ दिन और, अधिकतम 26 दिनों तक रोका जा सकता है. फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है.
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