पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले के भाटापारा में एक बार फिर बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं. बीजेपी के तीन सदस्यों वाले डेलीगेशन के इलाके से जाने के बाद ही झड़पें शुरू हो गई थीं.
बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर देशी बम और पत्थरों से हमले किए. इन्हें काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
बता दें भाटापारा में दो दिन पहले हिंसा हुई थी. इसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं तीन घायल हो गए थे. हिंसा के बाद इलाके में धारा 144 लगाई गई थी, इसके तहत चार लोगों से ज्यादा लोग एकसाथ इकट्ठे नहीं हो सकते.
इसी हिंसा का जायजा लेने बीजेपी का तीन मेंबर वाला डेलीगेशन पहुंचा था. इसमें एसएस अहलूवालिया, वीडी राम और सत्यपाल सिंह शामिल थे. इससे पहले कमेटी ने कहा था कि वे अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सौंपेंगे.
एसएस अहलूवालिया ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘अमित शाह भाटापारा में हुई हिंसा से दुखी हैं. ऐसी घटनाएं केवल बंगाल में हो रही हैं. हम संबंधित लोगों से बात करेंगे और अमित शाह को रिपोर्ट सौंपेंगे.’
भाटापारा में हुई थी हिंसा
भाटापारा में पिछले एक महीने से बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा जारी है. 20 जून को भी हिंसा हुई थी. बीजेपी का आरोप है कि हिंसा के दौरान पुलिस की गोलियों से दो लोगों की मौत हो गई थी.
वहीं पुलिस ने इन आरोपों से इंकार किया है. पुलिस के मुताबिक दंगाइयों को काबू करने के लिए उन्होंने केवल टियर गैस का इस्तेमाल किया था. एसएस अहलूवालिया ने घटना पर कमेंट करते हुए कहा कि, ‘एक 17 साल के लड़के कोगोली मारी गई है.
पुलिस ने उसे प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारा है. एक वेंडर को मारा गया. एक तीसरा हॉस्पिटल में है. सात लोगों को गोली मारी गई. पुलिस गुंडों के लिए लाठी और निर्दोषों के लिए गोली का इस्तेमाल करती है. ’
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