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‘मेरा भारत महान’ से ‘मेरा भारत कहां ?’ तक

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मेरा भारत कहां?

दीजिए इस सवाल का जवाब और लिख भेजिए citizenQ@thequint.com पर.

पिछले साल एक आदमी को सिर्फ इसलिए मार डाला गया था, क्योंकि लोगों को उसके फ्रिज में रखे मांस पर ‘शक’ था. इसी साल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान खान को 2002 हिट एंड रन केस के सभी आरोपों से बरी कर दिया.

इस साल के शुरू होते ही हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक दलित छात्र को अपनी जान इसीलिए लेनी पड़ी क्योंकि वह राजनीति में सक्रिय था.

बॉलीवुड में 25 फरवरी को 5 साल की सजा काटकर जेल से निकले संजू बाबा की वापसी का जश्न मनाया गया. संजय दत्त को 1993 के उन मुंबई धमाकों से जुड़ा हथियार रखने के मामले में सजा मिली थी, जिसने 257 जानें ली थीं और 713 को घायल किया था.

देश की राष्ट्रीय राजधानी में जेएनयू के छात्रों को कथित ‘देशविरोधी’ नारे लगाने पर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इन नारों ने किसी की जान नहीं ली, पर इनसे ‘देशभक्त’ राष्ट्रवादियों की ‘भावनाओं को गहरी चोट लगी’.

स्वागत है इस भारत में!

यहां एक ‘अपराधी’ ‘बेचारा’ होता है, और उसकी वापसी का जश्न मनाया जाता है. लेकिन अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने वाले युवाओं पर ‘देशद्रोही’ होने का ठप्पा लगा दिया जाता है. यहां एक शिक्षित व्यक्ति को जाति की राजनीति के कारण अपनी जान देनी पड़ती है. यहां गाय और सूअर की राजनीति पर लोगों की हत्या कर दी जाती है. यहां आलोचना और धारा 377 के लिए ‘असहिष्णुता’ है, पर ज्ञानदेव आहूजा और विक्रम सिंह चौहान जैसे लोगों को सहिष्णुता से देखा जाता है. यहां नाथूराम गोडसे एक देशभक्त है और शाहरुख खान एक पाकिस्तानी एजेंट.

यही है आज का भारत. क्या यही वह भारत है जिसपर आप गर्व करते हैं?

मेरा भारत महान किस रास्ते पर चल पड़ा है?

क्या हम भी ‘राइट’ डायरेक्शन में जा रहे हैं?

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अब पूछने का वक्त आ गया है कि #MeraBharatKahan

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