बिना लाइसेंस लिए चल रहे होटल और रेस्तरांओं पर फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. FSSAI ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बिना लाइसेंस के चलने वाले होटल और रेस्तरांओं ने तीन महीने में लाइसेंस नहीं लिया तो उन्हें सील कर दिया जाएगा.
FSSAI ने कहा है कि यह नियम धार्मिक स्थानों समेत उन स्थानों पर भी लागू होगा, जहां खाना मुफ्त दिया जाता है. हालांकि छोटे मैन्यूफेक्चरर्स, रिटेलर्स और रेहड़ी पटरी वालों को इससे छूट दी गई है.
FSSAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि वह पहले राज्यों से इस संबंध में जागरुकता अभियान चलाने के लिए कहेंगे कि खाना बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्य जरुरत है.
लाइसेंस को लेकर भ्रम को कर लें दूर
उन्होंने कहा, होटल और रेस्टोरेंट का कारोबार करने वालों और इस क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वाले कई लोगों में FSSAI के लाइसेंस को लेकर भ्रम है.
मुझे कहा गया है कि हमारे 30 से 40 प्रतिशत होटल और रेस्तरांओं के पास FSSAI का लाइसेंस नहीं है. अगर यह देश का कानून है तो क्या यह स्थिति स्वीकार्य है? लोगों के बीच भ्रम है कि FSSAI का लाइसेंस अनिवार्य है या नहीं? मैं यह बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि सभी खाद्य कारोबारों के लिए FSSAI का लाइसेंस अनिवार्य है और इसका गैर-अनुपालन स्वीकार नहीं किया जाएगा.FSSAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल
राज्य सरकारों से विशेष जागरुकता अभियान चलाने की अपील
उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकारों से विशेष जागरुकता अभियान चलाने का आग्रह कर रहे हैं. तीन महीने की मोहलत पूरी होने के बाद हमारी उन्हें सलाह है कि वे देशभर में इस तरह की यूनिट्स को बंद करें जिनके पास FSSAI का लाइसेंस न हो.
उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों में सभी रेस्तरां और होटलों को 100 प्रतिशत लाइसेंस के दायरे में लाया जाए.
(इनपुट्स समाचार एजेंसी भाषा से)
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