भारत 1 दिसंबर 2022 से G-20 देशों की बैठकों की मेजबानी कर रहा है, जो 30 नवंबर, 2023 तक रहेगी. इस दौरान भारत लगभग 200 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. G-20 को खास और यादगार बनाने के लिए शहरों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. G-20 में शामिल होने वाले देशों को भारत की संस्कृति से रुबरु कराने के लिए भारतीय कला, व्यंजन, पारंपरिक नृत्य आदि की व्यस्था की गई है.
G-20 को लेकर आगरा में क्या-क्या तैयारी?
आगरा हमेशा से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा हैं. G-20 को लेकर आगरा में हुई बैठक ने शहर के सौंदर्यीकरण में और बढ़ावा किया है. 11 फरवरी को हुआ शिखर सम्मेलन, आगरा में कई बदलाव लेकर आया. महापुरुष की तस्वीरो के साथ अद्भुत वॉल पेंटिंग भी शहर की शोभा बढ़ा रही. चौराहे पर G20 के लोगो के साथ, बड़ा ग्लोब, फब्बारा और हरे-भरे पेड़ पर्यटक को अपनी ओर लुभा रहे हैं. शिखर सम्मेलन के लिए आगरा ब्रज कला 'फूलों की होली' और 'चरकुला' तथा 'मयूर नृत्य' की प्रस्तुतियों से विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया. मेहमानों के स्वागत के लिए 100 से अधिक कलाकारों ने कई कला रूपों की प्रस्तुति दी. आगरा खेरिया हवाई अड्डे से जोड़ने वाली मोड़, VIP रूट और फतेहाबाद रोड को पूरी तरह से बदल दिया गया है.
राजधानी दिल्ली में शिखर सम्मेलन की खास तैयारी
दिल्ली सितंबर में G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगी. राजधानी में अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं. NDMC के मुताबिक हॉलैंड से लगभग 2 लाख ट्यूलिप बल्ब मंगवाए गए हैं, जो सड़को और पार्क का सौंदर्यीकरण बढ़ाएंगे. MCD के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ‘‘सड़क के बुनियादी ढांचे और फुटपाथ में सुधार, इंडिकेटर का नवीनिकरण, फ्लाईओवर के नीचे के जगहों का सौंदर्यीकरण, अच्छी एलईडी लाइट, पेड़ों पर रोशनी, नालियों को ढंकने और टूटे स्लैब को बदलने का काम जारी है. कोविड19 की वजह से बंद पड़े कई कार्यक्रमो को फिर से शुरू किया जा रहा है. दिल्ली सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टूरिजम विभाग इंटेक के साथ मिलकर दिल्ली में 80 हैरिटेज वॉक्स का शेड्यूल तैयार किया जा रहा है. युवाओं के लिए यूथ फेस्ट आयोजित किए जाएंगे इसमें कई बैंड्स भी परफॉर्म करेंगे. नेहरू पार्क में जी-20 म्यूजिक एंड कुजीन फेस्टिवल का आयोजन होगा, जिसमें लोग G-20 देशों के खास पकवानों के साथ-साथ वहां के गीत-संगीत का भी लुत्फ उठा सकेंगे. 17 से 19 मार्च तक सुंदर नर्सरी में इत्र और सुगंधी मेला लगेगा. कुल मिला कर ये कहा जा सकता है राजधानी में इस साल लोगो के मनोरंजन के लिए बहुत कुछ होगा.
मायानगरी मुंबई में भी G-20 की धूम
G-20 शिखर सम्मेलन के लिए मुंबई में मरीन ड्राइव प्रोमनेड (Marine Drive Promenade) और जिम्प ऑफ इंडिया (Jimp of India) सहित कुछ खास जगहों को तिरंगे की रोशनी से रोशन किया गया, जिसमें G20 का प्रतीक लेजर लाइट की मदद से दिखाई दे रहा था. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (chhatrapati sivaji maharaj Terminus), एलिफेंटा गुफा (Elephanta Caves), फ्लोरा फाउंटेन (Flora Fountain), होटल ताज (Hotel Taj), बांद्रा-वर्ली सी लिंक (Bandra Worli Sea Link) में वारली शैली के चित्र आकर्षक रंगों में दिखाए गए. बांद्रा-वर्ली सी लिंक और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (WEH) के बीच नए ट्रैफिक सिग्नल दिए गए हैं, क्षेत्र के सभी खुले स्थानों को रोशन किया गया है. हवाईअड्डे और उसके आसपास कई जगहों पर सफेद रंग के बैरिकेड लगाए गए है जिन पर G-20 का लोगो लगा है. बता दें इस बैरिकेड को लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. मोदी सरकार पर गरीबी छुपाने का आरोप लगा था, क्योंकि बैरिकेड के पीछे झुग्गी बस्ती को ढका गया था. आरोप लगा था कि सरकार देश के गरीब और गरीबी को दुनिया से छुपाना चाहती है.
भोपाल में G-20 का रंग, खिलाया मिट्टी चूल्हे में बना खाना
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 17 जनवरी को G20 के तहत थिंक 20 ( Think 20 under G20 in Madhya Pradesh capital Bhopal) की खास बैठक हुई. यहां अलग अलग देशों से आये विदेशी मेहमानों के लिये खास व्यवस्थाएं की गई थी. कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (Kushabhau Thackeray International Convention Center) में गांवों के देसी अंदाज में मां की रसोई बनाई गई थी. जिसमें विदेशी मेहमानों को चूल्हे पर बना देसी जायका परोसा गया. इसके साथ ही सड़क के किनारे नए पेड़ लगाए गए. हरियाली को बढ़ावा दिया गया. कई सांस्कृतिक चीजों से रूबरू कराया गया.
इस साल अलग-अलग बैठक में भाग लेने के लिए 29 देशों के अधिकारी, मंत्री और प्रतिनिधि भारत आ रहे हैं. इनमें G-20 समूह के 20 देश और 9 विशेष आमंत्रित देश भारत आ रहे है. बैठक भारत के 56 शहरों में आयोजित की जाएंगी. लगभग 1.50 लाख विदेशी प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है. G-20 कोई सामान्य ग्रुप नहीं है. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को एक साथ लाने के लिए यह प्रीमियर फोरम है. दुनिया की 85 फीसदी GDP इन्हीं 20 देशों से आती है.
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