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G7 में कौन से देश शामिल?क्यों पड़ी जरूरत?रूस-चीन हिस्सा क्यों नहीं

G7 शिखर सम्मेलन है क्या, इसका क्या उद्देश्य है, ये क्या करता है, चीन इस ग्रुप का हिस्सा क्यों नहीं है.

Published
भारत
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G7 (ग्रुप ऑफ सेवन) का 45वां शिखर सम्मेलन फ्रांस में आयोजित किया जा रहा है. भारत इस ग्रुप का हिस्सा नहीं है. लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए फ्रांस गए हैं. फ्रांस ने उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया है.

ऐसे में G7 शिखर सम्मेलन है क्या, इसका क्या उद्देश्य है, ये क्या करता है, चीन इस ग्रुप का हिस्सा क्यों नहीं है. ऐसे तमाम सवालों का जवाब यहां जानिए..

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क्या है G7 शिखर सम्मेलन?

ग्रुप ऑफ सेवन (जी 7) में सात देश शामिल हैं. ये देश हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान, कनाडा और जर्मनी. शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख, यूरोपीयन कमीशन और यूरोपीयन काउंसिल के अध्यक्ष शामिल होते हैं.

जी7 की पहली बैठक साल 1975 में हुई थी. तब सिर्फ 6 देश इस ग्रुप में शामिल थे. फिर अगले साल कनाडा भी इस ग्रुप में शामिल हो गया. इस तरह ये जी6 से बन गया जी7. पहली बैठक में दुनियाभर में आर्थिक संकट के संभावित समाधानों पर चर्चा की गई थी.

G7 की जरूरत क्यों पड़ी?

70 के दशक में कई देशों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. पहला- तेल संकट और दूसरा- फिक्स्ड करेंसी एक्सचेंज रेट्स के सिस्टम का ब्रेक डाउन. 1975 में जी6 की पहली बैठक आयोजित की गई, जहां इन आर्थिक समस्याओं के संभावित समाधानों पर विचार किया गया. सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीति पर समझौता किया और वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए समाधान निकाले.

G7 का मकसद क्या है?

जी7 खुद को मूल्यों का आदर करने वाला उस समुदाय के रूप में देखता है जो दुनियाभर में शांति, सुरक्षा और आजादी के लिए खड़ा है. स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और कानून का शासन, समृद्धि और सतत विकास, इसके अहम सिद्धांत हैं.

किन मुद्दों पर होती है चर्चा?

G7 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के मंत्री और नौकरशाह आपसी हितों के मामलों पर बातचीत के लिए हर साल मिलते हैं. सदस्य देश उन मद्दों पर बातचीत करते हैं, जिनका वैश्विक महत्व होता है. इसमें आर्थिक, विदेश, सुरक्षा और विकास जैसे मुद्दे शामिल होते हैं. यहां उन मुद्दों पर भी बातचीत की जाती है, जिनपर राजनीतिक कार्रवाई की जरूरत होती है या आम लोगों से जुड़ा होता है.

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चीन G7 का हिस्सा क्यों नहीं है?

चीन G20 का हिस्सा है, लेकिन G7 में शामिल नहीं है. चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवथा है, फिर भी जी7 का हिस्सा नहीं है. इसकी वजह ये है कि चीन में सबसे ज्यादा आबादी है और प्रति व्यक्ति आय संपत्ति जी7 देशों के मुकाबले बहुत कम है. ऐसे में चीन को उन्नत या विकसित अर्थव्यवस्था नहीं माना जाता है.

G8 क्यों नहीं होगा? रूस क्यों नहीं ले रहा हिस्सा

रूस ने साल 2014 में यूक्रेन के काला सागर प्रायद्वीप क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद रूस को G8 से बाहर कर दिया गया था. रूस के इस अतिक्रमण को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कभी मान्यता नहीं दी. G7 के देशों का मानना है कि वो किसी भी ऐसे फैसले को समर्थन नहीं देंगे जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक सही नहीं हो.

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