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बाइडेन-ट्रूडो से मुलाकात, AI पर जोर-G7 में किन मुद्दों पर चर्चा, PM मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री ने AI पर विशेष जोर देते हुए प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (14 जून) को इटली की अपनी एक दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद स्वदेश के लिए रवाना हो गए. इस यात्रा के दौरान उन्होंने जी7 शिखर सम्मेलन (G 7 Summit) में भाग लिया और कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.

इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए.

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प्रधानमंत्री ने AI पर विशेष जोर देते हुए प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की.

G7 में PM मोदी ने किन नेताओं से मुलाकात की?

प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद पीएम मोदी अपनी पहली विदेशी यात्रा पर इटली गए, जहां उन्होंने जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, पोप फ्रांसिस और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सहित अन्य लोगों से मुलाकात की.

  • यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ पीएम मोदी.

    (फोटो: नरेंद्र मोदी/X)

G7 में किन मुद्दों पर चर्चा हुई?

जी 7 शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर जैसे विषयों को लेकर चर्चा हुई.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

जी7 समिट में बोलते हुए पीएम मोदी ने भारत को वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में पेश किया.

उन्होंने कहा कि भारत ने "वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझा है." दिल्ली ने 2023 में दो वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन आयोजित किए थे.

पीएम मोदी ने जी 7 नेताओं को लेकर कहा, "आज की बैठक सभी देशों की प्राथमिकताओं के बीच गहरी समानता को दर्शाती है. हम इन सभी मुद्दों पर जी7 के साथ बातचीत और सहयोग जारी रखेंगे."

उन्होंने विकसित दुनिया का हिस्सा बनने की भारत की महत्वाकांक्षा पर भी जोर दिया. पीएम ने कहा, "हमारा संकल्प 2047 तक विकसित भारत बनाने का है. हमारी प्रतिबद्धता है कि देश की विकास यात्रा में समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे. अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संदर्भ में भी यह महत्वपूर्ण है. वैश्विक दक्षिण के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं. भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझा है."

प्रधानमंत्री ने तकनीक के बारे में कहा कि 21वीं सदी तकनीक की सदी है. मानव जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो, जो तकनीक के प्रभाव से अछूता हो.

एक तरफ तकनीक इंसान को चांद पर ले जाने का साहस देती है तो दूसरी तरफ साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियां भी पैदा करती है. हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि तकनीक का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे, समाज के हर व्यक्ति की क्षमता का उपयोग हो, सामाजिक असमानताओं को दूर करने में मदद मिले और मानवीय शक्तियों को सीमित करने के बजाय उनका विस्तार हो. यह हमारी इच्छा ही नहीं बल्कि जिम्मेदारी भी होनी चाहिए. हमें तकनीक के एकाधिकार को व्यापक उपयोग में बदलना होगा. हमें तकनीक को रचनात्मक बनाना होगा, विनाशकारी नहीं. तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

उन्होंने रेखांकित किया कि भारत अपने मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है, उन्होंने कहा कि इस रणनीति के आधार पर, इस वर्ष भारत ने एआई मिशन शुरू किया है.

यह मंत्र 'AI for All' से लिया गया है. AI के लिए वैश्विक भागीदारी के संस्थापक सदस्य और प्रमुख अध्यक्ष के रूप में, हम सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं. पिछले साल भारत द्वारा आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान, हमने AI के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय शासन के महत्व पर जोर दिया था. आने वाले समय में, हम AI को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे.

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ऊर्जा पर मोदी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण भी चार सिद्धांतों पर आधारित है: "उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता".

उन्होंने कहा कि भारत COP के तहत की गई सभी प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा करने वाला पहला देश है और वह 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.

"हमें मिलकर आने वाले समय को हरित युग बनाने का प्रयास करना चाहिए. इसके लिए भारत ने मिशन लाइफ यानी लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट की शुरुआत की है. इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस पर मैंने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान शुरू किया है. हर कोई अपनी मां से प्यार करता है. इसी भावना के साथ हम वृक्षारोपण को व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ एक जन आंदोलन बनाना चाहते हैं. मैं आप सभी से इसमें शामिल होने का आग्रह करता हूं. मेरी टीम इसकी जानकारी सभी के साथ साझा करेगी."
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

बाइडेन-ट्रूडो के साथ PM मोदी की अलग मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (14 जून) को इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की. पिछले साल नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन और अमेरिका व कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों की हत्या की साजिशों में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोपों के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी मुलाकात के बारे में मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बाइडेन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है. उन्होंने कहा, "भारत और अमेरिका वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम करते रहेंगे."

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इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, खालिस्तानी अलगाववादी की कथित हत्या की साजिश पर मतभेदों को दूर करने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन के अगले सप्ताह के प्रारंभ में नई दिल्ली आने की उम्मीद है.

वहीं, भारत रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में बहुत ही सफल दिन रहा. विश्व नेताओं के साथ बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की. हम मिलकर ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना चाहते हैं, जिनसे वैश्विक समुदाय को लाभ हो और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनें.

मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं."

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नई दिल्ली के लिए रवाना होने के साथ ही इटली की सफल यात्रा संपन्न हुई. इस यात्रा में जी7 मंच के तहत प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के साथ इटली की साझेदारी को और मजबूत किया गया."

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