भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्च कर दी है. गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया. गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग के बाद क्रू मॉड्यूल सफलतापूर्वक बंगाल की खाड़ी में उतर गया.
कुछ देर पहले ISRO ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि लॉन्च नहीं हो पाने की वजह को सही कर दिया गया है. लॉन्चिंग को 10 बजे के लिए प्लान किया गया है.
इससे पहले एजेंसी ने लॉन्च ना सकने के बारे में सोशल मीडिया के जरिए बताया था.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक लॉन्च असफल होने के बाद ISRO प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि
टेस्ट व्हीकल का लिफ्ट ऑफ आज नहीं हो सका. नॉमिनल कोर्स में इंजन इग्निशन नहीं हो सका. हमें पता लगाना होगा कि क्या गलत हुआ, टेस्ट व्हीकल सुरक्षित है.
यह उड़ान परीक्षण वेहिकल अबॉर्ट मिशन गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन को दिखाने वाला है. ISRO की तैयारी है कि रॉकेट लॉन्च के बाद यह बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग का भी परीक्षण करेगा.
परीक्षण उड़ान प्रोजेक्ट का उद्देश्य मनुष्यों को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजने और बंगाल की खाड़ी के समुद्र में छींटे मारकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की भारत की क्षमता को साबित करना है.
गौरतलब है कि ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 अनक्रूड मिशनों सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है.
ISRO यह कार्यक्रम अगर सफल साबित होता है तो भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला चौथा देश बना देगा.
हाल ही में चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष पहल की सफलता के आधार पर, प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि भारत को अब नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का लक्ष्य रखना चाहिए, जिसमें 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) की स्थापना भी शामिल है.
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