महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तीन लाइनें 'बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो' का आज के भारत में काफी गलत प्रभाव है. जिस तरह बुराई, जो सुनी, कही और देखी जाती है, उसे उन लोगों द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है जो चीजों को ठीक करने की शक्ति रखते हैं, 'तीन बुद्धिमान बंदरों' का विचार भी वह नहीं है, जिसकी महात्मा गांधी ने कल्पना की थी.
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