ADVERTISEMENTREMOVE AD

'काफी रियल': ये हमारा भ्रम है हम गांधी जी के भारत में हैं

'तीन बुद्धिमान बंदरों' का विचार वह नहीं है, जिसकी महात्मा गांधी ने कल्पना की थी.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तीन लाइनें 'बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो' का आज के भारत में काफी गलत प्रभाव है. जिस तरह बुराई, जो सुनी, कही और देखी जाती है, उसे उन लोगों द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है जो चीजों को ठीक करने की शक्ति रखते हैं, 'तीन बुद्धिमान बंदरों' का विचार भी वह नहीं है, जिसकी महात्मा गांधी ने कल्पना की थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • 01/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 02/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 03/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 04/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 05/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 06/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 07/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 08/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 09/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

  • 10/10

    (इलस्ट्रेशन: अरूप मिश्रा) 

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×