गणेशोत्सव का त्योहार पूरे देश में शुरू हो चुका है. श्रद्धालु गणपति बप्पा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अमूमन हर साल गणेशोत्सव 10 दिन तक चलता है, लेकिन इस बार यह 11 दिन तक चलेगा. इस साल यह 25 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर को खत्म हो रहा है.
गणपति बप्पा को घर लाने से पहले त्योहार से जुड़ी इन बातों को जान लीजिए.
गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है
गणपति बप्पा के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के तौर पर मनाया जाता है. हिंदू धार्मिक कैलेंडर के मुताबिक, यह भाद्रपद के चौथे दिन मनाई जाती है. ये हर साल अगस्त-सितंबर महीने में पड़ती है.
गणेश चतुर्थी विधि के लिए उपयुक्त समय
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह में हुआ था. इसलिए दिन में गणेश चतुर्थी विधि मनाई जाती है.
गणेशोत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. श्रद्धालु एक महीने पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं. अपने घरों में साफ-सफाई करके बप्पा का इंतजार करते हैं. खूबसूरत पंडाल सजाए जाते हैं, जिनमें बप्पा विराजमान होते हैं. श्रद्धालू पूरे 10 दिन तक पंडाल में बप्पा की पूजा करते हैं.
10 दिनों तक चलने वाली पूजा के पश्चात अंतिम दिन उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है. फिर उन्हें पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है.
गणेश चतुर्थी 2017 का दिनांक और समय
चतुर्थी तिथि 24 अगस्त को 20:27 मिनट पर शुरू होगी.
चतुर्थी तिथि 25 अगस्त को 20:31 पर खत्म हो जाएगी.
गणेश चतुर्थी पर निषिद्ध चंद्र दर्शन
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र-दर्शन प्रतिबंधित होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है, जिसकी वजह से दर्शनार्थी को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ता है.
पौराणिक गाथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक नाम की कीमती मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था. झूठे आरोप में लिप्त भगवान कृष्ण की स्थिति देख कर नारद ऋषि ने उन्हें बताया कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखा था, जिसकी वजह से उन्हें मिथ्या दोष का शाप लगा है.
गणेशोत्सव 2017: पूजा और मुहूर्त
मध्याह्न पूजा का समय 11:25 से 13:55 बजे (IST) तक है. गणपति बप्पा को घर लाने के लिए यह सबसे सही वक्त है.
गणेशोत्सव 2017: विसर्जन
गजानन का अनंत चतुर्दशी के दिन जल में विसर्जन होता है. इस साल अनंत चतुर्दशी 5 सितंबर को है.
चतुर्दशी तिथि 4 सितंबर को 12:14 बजे शुरू हो रहा है.
चतुर्दशी तिथि 5 सितंबर को 12:41 बजे खत्म हो रहा है.
गौरी विसर्जन: 31 अगस्त
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