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Prince Tewatia: 15 साल में 15 आपराधिक मामले दर्ज, कौन था खूंखार माफिया?

Gangster Prince Tewatia Murder: तेवतिया पर दिल्ली के विभिन्न थानों में करीब 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail Gang war) में शुक्रवार (14 अप्रैल) शाम हुई गैंगवार में गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया (Gangster Prince Tewatia) की हत्या कर दी गयी, जबकि अन्य तीन कैदी घायल हो गए, जिनकी हालत स्थिर बनी हुई है. सभी घायलों को दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर प्रिंस तेवतिया कौन था, जो अपनी खुद की गैंग चलाता था.

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कौन है प्रिंस तेवतिया?

प्रिंस तेवतिया (33) दिल्ली का रहने वाला है. इसके तार लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े बताये जाते हैं. तेवतिया पर दिल्ली के विभिन्न थानों में करीब 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें अंबेडकर नगर थाने में पांच, मालविय नगर, वजीराबाद और स्पेशल सेल में दो-दो, साकेत, सनलाइट कॉलोनी, प्रीत विहार और तिलक मार्ग पर एक-एक मामले दर्ज हैं.

जानकारी के अनुसार, माफिया प्रिंस तेवतिया दो भाई बहन है. उसके पिता श्याम लाल दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) से रिटायर हैं. प्रिंस की पढ़ाई में रुचि नहीं थी और वो 10वीं के बाद कॉलोनी के गलत लोगों के संपर्क में आ गया था. साल 2008 में प्रिंस के खिलाफ पहली बार मामला दर्ज किया गया था.

2010 में उसे अंबेडकर नगर थाने में एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उसने एक सिख लड़के की हत्या कर दी थी, क्योंकि उस लड़के ने अपने पिता को थप्पड़ मारा था.

इस हत्या के मामले में जब प्रिंस जेल में था, तो उसने अदालत में नाबालिग होने के जाली दस्तावेज दायर किए. इसके बाद अदालत के निर्देश पर पीएस साकेत में जालसाजी और धोखाधड़ी का एक और मामला दर्ज किया गया. वह 2015 में जेल से बाहर आया और फिर से अपराध करना शुरू कर दिया. इसके कुछ महीनों बाद पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया.

साल बदलने के साथ प्रिंस का आपराधिक ग्राफ बढ़ता गया

2016 में उसे फिर से लूट और हत्या के प्रयास के दो अलग-अलग मामलों में पुलिस ने गिरफ्तार किया. इसके बाद वह 2019 में अपनी शादी के लिए तीन दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आया और फिर पैरोल जंप कर गया. प्रिंस को अक्टूबर, 2019 में स्पेशल सेल ने एक मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था, जिसमें उसके पैर में गोली लगी थी.

7 महीने जेल में रहने के बाद 2020 में वह अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आया और फिर कोर्ट में जाली कोरोना सर्टिफिकेट जमा कर दिया. कोर्ट के निर्देश पर फिर तिलक मार्ग थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया. उसने अपनी जमानत तोड़कर वजीराबाद क्षेत्र में एक हत्या और प्रीत विहार और वजीराबाद क्षेत्र में रंगदारी के लिए फायरिंग की दो घटनाएं की.

उसे अक्टूबर, 2020 में आर्म्स एक्ट मामले में विशेष सेल ने फिर से गिरफ्तार किया और तब से वह न्यायिक हिरासत में था.

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प्रिंस ने अपनी पत्नी के ऑपरेशन के बहाने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन किया. इस पर 15 सितंबर 2021 तक दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी. इसके बाद प्रिंस ने अंतरिम जमानत के विस्तार की याचिका डाली, जिसे 16 सितंबर 2021 को कोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन उसने खुद को सरेंडर नहीं किया.

तिहाड़ जेल ने जारी किया बयान

तिहाड़ जेल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि विचाराधीन कैदी प्रिंस तेवतिया उर्फ प्रिंस कई मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा था और सेंट्रल जेल नंबर 3, तिहाड़ में बंद था. दिल्ली पुलिस का हरि नगर थाना पूरे मामले की जांच कर रहा है.

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