ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्याज,टमाटर की महंगाई पर अब लहसुन का तड़का,दिल्ली में 200 Rs. किलो

जानिए- क्या है कीमत बढ़ने का कारण?

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

प्याज और टमाटर की महंगाई पर अब लहसुन का तड़का लगा है. पिछले एक महीने में लहसुन का दाम तकरीबन 40 फीसदी उछला है, जबकि देश में इस साल लहसुन का उत्पादन पिछले साल से 76 फीसदी अधिक रहा है.

देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को लहसुन 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. वहीं, राजस्थान के कोटा में अच्छी क्वालिटी का लहसुन का थोक भाव 17,000 रुपये प्रति क्विंटल यानी 170 रुपये किलो था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एमपी में लहसुन 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल

लहसुन की एक और प्रमुख मंडी मध्य प्रदेश के नीमच में सोमवार को अलग-अलग क्वालिटी के लहसुन का भाव 8,000-16,000 रुपये क्विंटल था. कारोबारियों ने बताया कि स्पेशल क्वालिटी का लहसुन 20,000 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर के भाव बिक रहा है.

नीमच के कारोबारी पीयूष गोयल ने बताया कि नीमच में इस समय 15,000 बोरी (एक बोरी में 50 किलो) लहसुन की आवक रह रही है और ज्यादातर मांग दक्षिण भारत से आ रही है. उन्होंने बताया कि बीते एक महीने में लहसुन के दाम में 5,000 रुपये प्रति कुंटल का इजाफा हुआ है.

गोयल ने बताया कि हाल में हुई बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसके कारण लहसुन की नई फसल की बुवाई में देरी हो सकती है. यही कारण है कि लहसुन की कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है.

क्या है कीमत बढ़ने का कारण?

वहीं, राजस्थान के कारोबारी उत्तमचंद ने बताया कि बारिश के मौसम में किसानों के पास रखा लहसुन नमी के कारण खराब हो गया है, जिसके कारण स्टॉक की भी कमी है. उन्होंने कहा कि स्टॉक की कमी के कारण ही लहसुन की कीमत में जोरदार उछाल आया है.

उत्तमचंद ने भी बताया कि लहसुन का भाव पिछले एक महीने में 5,000 रुपये प्रति कुंटल बढ़ा है.

कारोबारियों ने बताया कि मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश से तमाम रबी फसलों की बुवाई में देरी होगी. ऐसे में लहुसन की अगली फसल आने तक मौजूदा स्टॉक पर ही निर्भर रहना होगा.

एक अन्य कारोबारी ने कहा कि मंडियों में आवक लगातार कम होती जा रही है. उन्होंने दाम में और इजाफा होने की उम्मीद में किसान अपनी जरूरत के मुताबिक ही स्टॉक निकाल रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

छह महीने में तीन गुना बढ़ा लहसुन का दाम

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी वाणिकी फसलों के तीसरे अग्रिम उत्पादन के अनुसार, 2018-19 में 28.36 लाख टन लहसुन का उत्पादन है, जबकि पिछले साल 16.11 लाख टन था. इस प्रकार, पिछले साल के मुकाबले, इस साल लहसुन का उत्पादन 76 फीसदी ज्यादा है.

कारोबारियों ने बताया कि फसल तैयार होने के समय उत्पादक मंडियों में लहसुन 5,000 रुपये कुंटल था जो अब 16,000-17,000 रुपये कुंटल हो गया है. इस प्रकार, बीते छह महीनों में लहसुन के दाम में तीन गुना इजाफा हुआ है.

भारत लहसुन के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है, जबकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्याज और टमाटर पहले ही महंगा

बता दें, पिछले दिनों देशभर में प्याज और टमाटर के दाम में बेतहाशा वृद्धि भी बारिश और बाढ़ के कारण ही हुई थी. प्याज अभी भी देश की राजधानी दिल्ली में खुदरा व्यापारी 50 रुपये प्रति किलो से ऊंचे भाव पर बेच रहे हैं और टमाटर का भाव भी 40 रुपये प्रति किलो से ऊंचा है.

प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने रविवार को प्याज की सभी वेरायटी के निर्यात पर रोक लगाने के साथ-साथ खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा भी तय कर दी. खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा 100 क्विंटल तय की गई है. वहीं, थोक व्यापारी 500 कुंटल से अधिक प्याज नहीं रख सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×