ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस का कटाक्षः BJP के लिए GDP मतलब ‘गोडसे डिविसिव पॉलिटिक्स’

जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी पर आ गई

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अर्थव्यवस्था के मामले में देश की स्थिति नाजुक है. लगातार पांचवीं तिमाही में जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई है. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी पहले से और गिरकर 4.5 फीसदी पर आ गई. देश की कमजोर होती अर्थव्यवस्था पर विपक्षी नेताओं ने चिंता जताई है. कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे 'आर्थिक आपातकाल' बताया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

GDP में गिरावट पर बोले मनमोहन सिंह- यह अस्वीकार्य है

4.5% जीडीपी ग्रोथ पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिंता जताते हुए कहा, “जीडीपी के ये आंकड़े अस्वीकार्य हैं. हमारे देश की उम्मीद 8-9% जीडीपी ग्रोथ है. Q1 से Q2 में जीडीपी का 5% से 4.5% तक गिरना चिंताजनक है. आर्थिक नीतियों में बदलाव से ही अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद नहीं मिलेगी.”

BJP के लिए GDP का मतलब गोडसे डिविसिव पॉलिटिक्सः रणदीप सुरजेवाला

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे पर विवादित बयान पर तंज कसते हुए कहा, “भारत की जीडीपी 4.5% तक गिर गई है. हम एक वर्चुअल फ्री-फॉल में हैं. ये 6 साल में सबसे कम जीडीपी तिमाही है. लेकिन बीजेपी जश्न क्यों मना रही है? क्योंकि जीडीपी (गोडसे डिविजिव पॉलिटिक्स) पर उनकी समझ डबल डिजिट ग्रोथ का सुझाव देती है.”

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "वित्त मंत्री की वित्तीय नीतियों के कारण पिछले सालों में जीडीपी में सबसे कम ग्रोथ हुई. कोर सेक्टर में ग्रोथ घटी और जीडीपी ग्रोथ में भी कमी आई.”

“हालात आर्थिक आपातकाल से कम नहीं

पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर मिलिंद देवरा ने कहा, "जीडीपी ग्रोथ में गिरावट बेहद चिंताजनक है. अगर ये गिरावट जारी रहती है, तो एक्सपोर्ट और रुपया दोनों में गिरावट होगी. कंज्यूमर डिमांड में कमी एक बड़ा संकट है, ये एक आर्थिक आपातकाल से कम नहीं. विपक्ष के रूप में, हम मदद करने के लिए तैयार हैं."

हालांकि चीफ इकनॉमी एडवाइजर केवी सुब्रमण्यम का कहना है कि अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है. उन्होंने कहा, “हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है. तीसरे तिमाही में जीडीपी के बढ़ने की उम्मीद है.

बता दें, भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है. यह छह साल की सबसे बड़ी गिरावट है. जुलाई-सितंबर के ये आंकड़े पहली तिमाही की जीडीपी से भी कम है. पहली तिमाही में जीडीपी पांच फीसदी दर्ज की गई थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×