रक्षा बजट को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा, बजट में चिंता की कोई बात नहीं है. हम अधिग्रहण और दूसरी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने कहा अगर ज्यादा धन की जरूरत महसूस होती है तो हम सरकार से संपर्क करेंगे.
रक्षा बजट में पेंशन की हिस्सेदारी में बढ़ोत्तरी को लेकर रावत ने कहा, मैं विभिन्न हथियारों और सेवाओं की परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 3 सेवाओं में रिटायरमेंट की उम्र में लगातार बढ़ोत्तरी के माध्यम से पेंशन मैनेजमेंट को ज्यादा प्राथमिकता दूंगा.
केंद्र की ओर से रक्षा बजट में मामूली बढ़ोत्तरी की गई है. इसमें 2020-21 के लिए 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. जबकि पिछले बजट में 3.18 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया गया था.
रक्षा बजट के लिए आवंटन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को लोकसभा में आम बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने कहा आम बजट में कुल रक्षा बजट से 1.13 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए दिए गए हैं. इसका इस्तेमाल नए हथियार, वायुयान, युद्धपोत और दूसरे सैन्य उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा. वहीं राजस्व व्यय के मद में 2.09 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें वेतन पर व्यय और रक्षा प्रतिष्ठानों का रखरखाव का खर्च शामिल है.
पेंशन भुगतान के लिए 1.33 लाख करोड़ आवंटन
कुल आवटंन में पेंशन भुगतान के लिए अलग रखे गए 1.33 लाख करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं. अगर पेंशन मद में 1.33 लाख करोड़ रुपये के आवंटन को जोड़ा जाए तो रक्षा बजट 4.71 लाख करोड़ रुपये है.
विशेषज्ञों के मुताबिक रक्षा आवंटन जीडीपी का 1.5 प्रतिशत बना हुआ है, और यह 1962 के बाद से सबसे कम है.
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