(यह स्टोरी पहली बार 14 अगस्त 2021 को प्रकाशित हुई थी. इसे भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर क्विंट हिंदी के आर्काइव से दोबारा पोस्ट किया गया है.)
'गदर' उर्दू का एक शब्द है, जो विद्रोह या क्रांति के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
20वीं सदी की शुरुआत में, अमेरिका और कनाडा में बसे ब्रिटिश शासित भारत के शरणार्थियों के एक समूह - सिख, हिंदू और मुस्लिम, ने भारत में ब्रिटिश शासन को खत्म करने के लिए एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व किया था.
ब्रिटिश शासन से बचने के लिए कई किसान पंजाब से पलायन कर गए. वो ज्यादातर उत्तरी अमेरिका में जा कर बस गए - जहां उन्होंने प्रगति तो की, लेकिन साथ ही नस्लवाद का भी सामना किया. नस्लवाद-विरोधी आंदोलन के रूप में शुरू हुआ ये आंदोलन, देखते ही देखते दुनिया के कई हिस्सों में उपनिवेशवाद-विरोधी, राष्ट्रवादी विद्रोह में बदल गया.
आखिरकार, गदर पार्टी का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य था - भारत की आजादी. जल्द ही, अधिकतर प्रमुख नेता भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए स्वदेश लौट आए.
कई लोग गोलीबारी में मारे गए, अवैध रूप से हिरासत में लिए गए, बिना मुकदमे के जेल गए और मार दिए गए. अंग्रेजों ने उन्हें दबाने के लिए हर संभव कोशिश की - यहां तक कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया, कठोर कानून पारित किए, लेकिन कोई उन्हें रोक नहीं सका.
ये आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक मील का पत्थर है. गदर नेता और उनकी बहादुरी के किस्से अभी भी पंजाब की लोककथाओं का हिस्सा हैं.
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