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‘बालिका वधू’ बनने से किया इनकार,90 % मार्क्स लाकर कायम की मिसाल 

थोपी जा रही शादी का नाबालिग लड़की ने किया विरोध, जारी रखी पढ़ाई और बोर्ड में हासिल किए 90 फीसदी मार्क्स 

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दो साल पहले 16 साल की रेखा वी को उसके परिवार वाले शादी के बंधन में बांधना चाहते थे. लेकिन उसे यह मंजूर नहीं था. उसके इरादे कुछ और थे और यह सब दिखा प्री यूनिवर्सिटी एग्जाम 2 के उसके रिजल्ट में. थोपी जा रही शादी का विरोध कर बेंगलुरू भाग आई इस 18 साल की लड़की ने इस परीक्षा में 90.3 फीसदी नंबर हासिल किए. रेखा अब पहले वकील बनना चाहती है और फिर सिविल सर्विसेज परीक्षा में बैठना चाहती है.

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शादी का दबाव बना तो भाग कर पहुंची बेंगलुरू

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर जिले के एक गांव की लड़की रेखा वी पर जब उसकी मां ने शादी का दबाव बनाया तो वह अपने दोस्तों के साथ बेंगलुरू भाग गई.

बेंगुलुरू पहुंच कर 18 साल की इस लड़की ने हेब्बल में एक कंप्यूटर ट्रेनिंग ज्वाइन किया. लेकिन जल्दी ही उसे लगने लगा कि इससे कुछ फायदा होगा. उसने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर फोन कर मदद मांगी. उसका इरादा अपनी पढ़ाई पूरी करने का था. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने पहले उसे एक ट्रस्ट के हवाले किया. उसे नीलमंगला के एक गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में दाखिला करा दिया.

प्री यूनिवर्सिटी परीक्षा में हासिल किए 90 फीसदी मार्क्स

कॉलेज में उसका प्रदर्शन शानदार रहा. दो साल की पढ़ाई के बाद रेखा ने प्री यूनिवर्सिटी में 600 में से 542 मार्क्स हासिल किए. इतिहास में उसने पूरे 100 मार्क्स हासिल किए. अब वह इतिहास, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में बीए कर रही है. रेखा अब वकील बनाना चाहती. इसके बाद उसका इरादा सिविल सर्विसेज परीक्षा में बैठने का है.

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रेखा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा

मैं जब बच्ची थी तभी पिताजी का निधन हो गया. घर वाले कम उम्र में ही मेरी शादी कराना चाहते थे और मैं इसके खिलाफ थी. मैं अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती थी. अब मेरी जिंदगी का एक लक्ष्य है. पहले मैं वकील बनना चाहती हूं और उसके बाद सिविल सर्विसेज परीक्षा में बैठना चाहती हूं.

प्री यूनिवर्सिटी परीक्षा में बेहतरीन मार्क्स लाने के बाद रेखा वी चर्चा में हैं. बरसों पुरानी रुढ़ियां तोड़ कर एक नया रास्ता तैयार करने के लिए उनकी वाहवाही हो रही है.

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