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कृषि कानून पर IMF की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ बोलीं-बढ़ेगा मुनाफा

गोपीनाथ ने इस बात पर सहमति जताई की कृषि उन क्षेत्रों में से एक है जहां बड़े सुधारों की जरूरत है

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जहां एक तरफ कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य आर्थिक सलाहकार गीता गोपीनाथ उन कानूनों की तारीफ कर रही हैं. गोपीनाथ के मुताबिक केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों में किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है.

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हालांकि गोपीनाथ ने इस बात पर सहमति जताई की कृषि उन क्षेत्रों में से एक है जहां बड़े सुधारों की जरूरत है और नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को सामाजिक सुरक्षा की पूरी गारंटी दी जाए.

सुधारों के बारे में पूछे जाने पर, गोपीनाथ ने कहा,

ये कानून किसानों के लिए बाजार बड़ा करने में मदद करेंगे. अब वे बिना टैक्स चुकाए मंडियों के अलावा बाहर पर भी अपनी पैदावार बेच सकेंगे और हमारा मानना है कि इसमें किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है.

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा "जब भी कोई सुधार किया जाता है, तो उससे होने वाले बदलाव की एक कीमत होती है. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इससे कमजोर किसानों को नुकसान न पहुंचे. यह सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराई जा सकती है. अभी एक फैसला किया गया है और देखना होगा कि इसका क्या नतीजा सामने आता है.''

बता दें कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में तीन नए कृषि कानूनों को संसद से पास कराया था और इन्हें कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया था,लेकिन लाखों किसान इस कानून का विरोध कर रहे हैं. 26 नवंबर से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान विरोध कर रहे हैं.

कौन है गीता गौपीनाथ

साल 2018 में गीता गोपीनाथ को आईएमएफफ का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया था. गीता गोपीनाथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकनॉमिक्स में प्रोफेसर थीं. गीता गोपीनाथ भारत में ही पैदा हुई और पली बढ़ी हैं. इस वक्त उनके पास अमेरिकी नागरिकता है. उन्होंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया था. पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री गीता ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से हासिल की. साल 2001 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम करना शुरू किया. साल 2005 में वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही हैं.

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