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भुखमरी के ताजा डेटा ने मोदी सरकार के खोखले दावों की पोल खोली-राहुल

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) 2019 में भारत 117 देशों में 102वें स्थान पर है

Published
भारत
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ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) 2019 में भारत 117 देशों में 102वें स्थान पर है जबकि उसके पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश की रैंकिंग उससे बेहतर है. राहुल गांधी ने इसे मोदी सरकार की नीतियों की नाकामी बताया है. राहुल गांधी ने कहा कि इस रैंकिंग से 'सबका विकास' की पोल खुलती नजर आ रही है. वहीं कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया हुए कहा है, ''पिछले 5 साल में भूखमरी के मामले में हमारी स्थिति गंभी हो गई है. सवाल ये उठता है सरकार अब इसके लिए किसे दोषी ठहराती है.''

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साल 2010 में 95वें स्थान पर था भारत

साल 2010 में भारत इसी लिस्ट में 95वें स्थान पर था. 2015 में उसकी रैंकिंग सुधरी और वह 93वें पायदान पर आया. लेकिन ताजा रैकिंग बताती है कि भारत में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है जिन्हें पेट भर और पर्याप्त पोषण वाला खाना नहीं मिल पा रहा.

नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान से भी पीछे

102वें स्थान का मतलब ये है की, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के लोग भारतीयों से पोषण के मामले में आगे हैं. भारत इस मामले में ब्रिक्स देशों में भी सबसे नीचे है. पाकिस्तान 94वें नंबर पर है, बांग्लादेश 88वें, नेपाल 73वें और श्रीलंका 66वें नंबर पर है.

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया. कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा कि मोदी जी, राजनीति पर कम और बच्चों पर ज्यादा ध्यान दें. वो ही हमारा भविष्य हैं.

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्रामीण भारत में आज भी बड़ी मात्रा में लोग खुले में शौच करते हैं, जो कि सरकारी दावों से बिल्कुल विपरीत है.

हंगर इंडेक्स में किसी भी देश में भुखमरी के हालात का आकलन वहां के बच्चों में कुपोषण की स्थिति, शारीरिक अवरुद्धता और बाल मृत्युदर के आधार पर किया जाता है. इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बच्चों में कुपोषण की स्थिति भयावह है. देश में 21 फीसदी बच्चों का पूर्ण शारीरिक विकास नहीं हो पाता, इसकी बड़ी वजह कुपोषण है.

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