वायु प्रदूषण का डर अब सबको सता रहा है. गोवा सरकार तो इससे निपटने के लिए साइकिल का सहारा लेने के मूड में दिख रही है. मनोहर पर्रिकर की सरकार राज्य की राजधानी में लोगों को साइकिल के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है. सरकार किराये पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस साइकिलों के लिए एक निजी कंपनी के साथ समझौते की प्लानिंग कर रही है.
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा कि पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए कोई काम एक दिन में नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा:
आप बाजार जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं. हम साइकिल सर्विस के लिए एक कंपनी के साथ समझौता कर रहे हैं. हम उन्हें केवल जगह मुहैया कराएंगे, जहां साइकिलें रखी जाएंगी.
उन्होंने कहा कि साइकिल में जीपीएस लगा होगा और इस्तेमाल करने वाले को किराये पर लेने के लिए कंपनी में रजिस्टर कराना होगा.
बायो फ्यूल से चलने वाली बसों को बढ़ावा
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा, “हम बायो फ्यूल से चलने वाली बसों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यह रातोंरात नहीं होता, क्योंकि इसके लिए काफी पूंजी की जरूरत होती है. प्रदूषण घटाने के लिए साइकिलों का इस्तेमाल करना होगा.”
यूपी के कई शहरों में 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों पर लगेगा बैन
वहीं प्रदूषण से बचने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 10 साल से पुरानी गाड़ियों को बैन करने का फैसला किया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश के बाद यूपी के परिवहन विभाग ने पश्चिमी यूपी के कई जिलों में दस साल से ज्यादा पुराने वाहनों को बैन किए जाने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई है.
आदेश के मुताबिक, अगर उन जिलों में पुरानी गाड़ी दिखी तो उसे परिवहन विभाग जब्त कर लेगा.
इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में दस साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को बैन किए जाने का निर्देश दिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)