भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने गोवा के एक द्वीपीय गांव में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर ध्वजारोहण समारोह को रद्द कर दिया है. द्वीप के निवासियों ने समारोह पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद नौसेना ने कार्यक्रम को रद्द किया. हालांकि, गोवा (Goa) के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने 14 अगस्त को इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की 'भारत विरोधी' गतिविधियों से सख्ती से निपटा जाएगा.
सावंत ने भारतीय नौसेना से सेंट जैसिंटो द्वीप पर झंडा फहराने की अपनी मूल योजना के साथ आगे बढ़ने का भी अनुरोध किया, जो रक्षा मंत्रालय की 'आजादी का अमृत महोत्सव' पहल का एक हिस्सा है.
सावंत ने ट्वीट किया, "ये दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि सेंट जैसिंटो द्वीप पर कुछ लोगों ने भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने पर आपत्ति जताई है. मैं इसकी निंदा करता हूं और रिकॉर्ड में कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी."
"मैंने भारतीय नौसेना से अपनी मूल योजना पर आगे बढ़ने का अनुरोध किया है और गोवा पुलिस से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है. भारत विरोधी गतिविधियों के इन प्रयासों से सख्ती से निपटा जाएगा. हमेशा 'राष्ट्र पहले' रहेगा."प्रमोद सावंत, गोवा के मुख्यमंत्री
ग्रामीणों ने किया था समारोह का विरोध
13 अगस्त को भारतीय नौसेना को स्थानीय ग्रामीणों और राजनेताओं के आरोपों के बीच दक्षिण गोवा के सेंट जैसिंटो द्वीप पर ध्वजारोहण समारोह आयोजित करने की अपनी योजना से पीछे हटना पड़ा. लोगों ने एक द्वीप का अधिग्रहण करने के लिए सरकारी साजिश का आरोप लगाया था.
भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, "जैसिंटो द्वीप पर योजना को रद्द करना पड़ा क्योंकि निवासियों ने इसका विरोध किया था."
इससे पहले 13 अगस्त को प्रदेश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जोस फिलिप डिसूजा के नेतृत्व में सेंट जैसिंटो द्वीप के ग्रामीण ध्वजारोहण समारोह के विरोध में द्वीप पर चर्च स्क्वायर में इकट्ठे हुए थे.
डिसूजा ने कहा, "नौसेना अधिकारी यहां आए और उन्होंने कहा कि वो 15 अगस्त को झंडा फहराएंगे. मैं कहना चाहता हूं कि नौसेना, सरकार या किसी निजी कंपनी से हैं, हम किसी को यह अधिकार नहीं देते हैं (राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए) इसके खिलाफ ग्रामीण एकजुट हैं. अगर नौसेना, राज्य और केंद्र सरकार हमारे द्वीप पर कब्जा करने की कोशिश करती है, तो स्थानीय ग्रामीण इसकी अनुमति कभी नहीं देंगे."
जुआरी नदी की खाड़ी में स्थित द्वीप के निवासियों ने ये भी कहा कि ध्वजारोहण समारोह आयोजित करने के लिए नौसेना अधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों से कोई औपचारिक अनुमति नहीं मांगी थी.
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