उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरक्षपीठ पर हमले का दोषी अहमद मुर्तजा को NIA की विशेष अदालन ने फांसी की सजा सुनाई. मुर्तजा के खिलाफ 3 अप्रैल 2022 को FIR दर्ज हुई थी. उसके खिलाफ गोरखनाथ मंदिर में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर जानलेवा हमला कर असलहा छीनने का आरोप था. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में NIA ने इस मामले को टेक ओवर कर लिया था.
उत्तर प्रदेश के DGP डीएस चौहान ने कहा कि "3 अप्रैल 2022 को भारत के आस्था का केंद्र गोरक्षपीठ पर एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें अब्बास अली मुर्तजा को गिरफ्तार किया गया था. केस ट्रायल पर आने के बाद 60 दिन के अंतर्गत इसे फांसी की सजा सुनाई गई है."
बता दें, केस डायरी के मुताबिक मुर्तजा अहमद ने गोरखनाथ मंदिर में घुसने की कोशिश की थी. उसने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान पर अचानक बांके से हमला किया था और असलहा छीन लिया था. इस घटना में पीएसी जवान बुरी तरह से जख्मी हो गया था. इतने में मंदिर की सुरक्षा में तैनात बाकी जवानों ने देख लिया और घेराबंदी कर आरोपी को मौके से ही दबोच लिया.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. लेकिन, बाद में NIA ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया. तब से मामले की सुनवाई NIA कोर्ट में चल रही थी. NIA कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया और 30 जनवरी 2023 को फंसी की सजा सुनाई.
कौन है अहमद मुर्तजा अब्बासी?
अहमद मुर्तजा अब्बासी IIT मुंबई का पूर्व छात्र है. वो मुंबई और जामनगर में पला-बढ़ा है. गोरखपुर के एक प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखता है. उसके पिता एक रिटायर्ड कानूनी सलाहकार हैं जबकि उनके चाचा शहर के एक नामी डॉक्टर हैं.
अब्बासी ने 2015 में IIT मुंबई से ग्रेजुएशन पूरा किया था. उसके परिवार के अनुसार उसने इसके बाद नागोथाने में रिलायंस पेट्रोकेमिकल में नौकरी की. हालांकि, बढ़ती मानसिक बीमारी के कारण उसने नौकरी छोड़ दी.
अब्बासी के पिता मुनीर अहमद ने उस समय द क्विंट को बताया था कि अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, अब्बासी एक ऐप डेवलपर बन गया, लेकिन उसे जारी नहीं रख सका क्योंकि वह व्यावसायिक रूप से सही नहीं था. अब्बासी ने 2019 में यूपी के जौनपुर की एक लड़की से शादी की थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद दोनों अलग हो गए.
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