उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट जज बनने का रास्ता साफ हो गया है. सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफारिश मंजूरी दे दी है.
जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट भेजे जाने के फैसले को लेकर पिछले 6 महीने से कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव देखने को मिल रहा था.
तीन जजों की सुप्रीम कोर्ट में होगी नियुक्ति
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस जोसेफ के साथ ही मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और ओडिशा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत सरन को भी सुप्रीम कोर्ट भेजेगी.
जस्टिस जोसेफ के नाम को कर दिया था वापस
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश इसी साल जनवरी में की थी. लेकिन जोसेफ के नाम पर मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट में सहमति नहीं होने से सरकार ने उनके नाम की फाइल लौटाते हुए दोबारा विचार करने को कहा था.
सरकार ने दलील दी थी कि देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के जजों के वरिष्ठता क्रम में जस्टिस जोसेफ काफी नीचे आते हैं. इन जजों की वरिष्ठता का उल्लंघन कर जस्टिस जोसेफ को शीर्ष अदालत का जज बनाना ठीक नहीं होगा.
लेकिन कॉलेजियम ने जुलाई में दोबारा केंद्र सरकार के पास जस्टिस केएम जोसेफ का नाम भेजा और विचार करने को कहा. कॉलेजियम की तरफ से जस्टिस जाेसेफ को सुप्रीम कोर्ट में लाने की सिफारिश दोबारा करने के बाद उनकी एंट्री तय मानी जा रही थी. कॉलेजियम अगर दूसरी बार भी सिफारिश के बाद केंद्र को मंजूरी देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
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