ADVERTISEMENTREMOVE AD

Petrol-Diesel Windfall tax क्या है, जिसे केंद्र सरकार ने घटाया है?

Windfall Tax: सरकार ने 1 जुलाई को डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कच्चे तेल (Crude Oil) की वैश्विक कीमतों में आई कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर हाल ही में लगाए गए विंडफॉल टैक्स (Windfall tax) को कम कर दिया है. सरकार के इस फैसले से पेट्रोलियम उत्पादों की सबसे बड़ी भारतीय निर्यातक कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) समेत ओएनजीसी (ONGC) जैसी सरकारी तेल कंपनियों को फायदा होगा. आपको बता दें कि सरकार ने 1 जुलाई को डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगा दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब कितना लगेगा टैक्स?

सरकार ने डीजल (Diesel) और एविएशन फ्यूल (aviation fuel) के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स (windfall tax) में प्रति लीटर 2 रुपये की कमी की है. वहीं पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर की लेवी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. इसके साथ ही सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित हो रहे कच्चे तेल के निर्यात पर टैक्स को करीब 27 फीसदी प्रति टन घटाया है.

नए रेट्स के मुताबिक अब डीजल और एविएशन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी घटकर 11 रुपए प्रति लीटर और 4 रुपए प्रति लीटर हो गई है. पेट्रोल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी समाप्त हो गई है. वहीं क्रूड ऑयल प्रोडक्शन पर विंडफॉल टैक्स घटकर 17000 रुपए प्रति टन हो गया है.

पहले कितना था टैक्स?

सरकार ने 1 जुलाई को फ्यूल एक्सपोर्ट ड्यूटी और विंडफॉल टैक्स का ऐलान किया था. इसके तहत एक लीटर पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपए, जेट फ्यूल के निर्यात पर 6 रुपए और डीजल के निर्यात पर 13 रुपए की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी. इसके अलावा डोमेस्टिक मार्केट में क्रूड ऑयल प्रोडक्शन पर प्रति टन 23,250 रुपए का विंडफॉल टैक्स लगाया गया था.

इन कंपनियों को होगा फायदा

सरकार के इस फैसले से देश दो प्राइवेट कंपनियों- रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और रोजनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी (Nayara Energy) को सबसे ज्यादा फायदा होगा. फैक्ट्स ग्लोबल एनर्जी यानी FGE की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का 85 फीसदी पेट्रोल-डीजल निर्यात इन दो कंपनियों की तरफ से किया जाता है.

क्या है विंडफॉल टैक्स?

विंडफॉल टैक्स (Windfall tax) ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से फायदा होता है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था.

हालांकि, दुनिया में आर्थिक मंदी की आशंका के बीच कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट आई है और यह 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गया है. इस वजह से सरकार को विंडफॉल टैक्स में कटौती करनी पड़ी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×