केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल भुगतान के लिए FASTag अनिवार्यता की तारीख को आगे बढ़ा दिया है. अब FASTag से टोल का भुगतान को लेकर बनी योजना 15 दिसंबर से लागू होगी.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी कि 1 दिसंबर से राजमार्गों पर टोल भुगतान केवल FASTags के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा-
नागरिकों को FASTag लेने के लिए पर्याप्त समय देने की सुविधा के लिए, अब यह फैसला लिया गया है कि अब 15 दिसंबर, 2019 से टोल प्लाजा की सभी लेन ‘फास्टैग लेन’ घोषित किया जाएगी.
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख पहल है. इसे देश भर में लागू किया जा रहा है ताकि ट्रैफिक की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सके और वाहन चालक इलेक्ट्रोनिक तरीके से टोल टैक्स अदा कर सकें और उन्हें लाइनों में लगकर इंतजार न करना पड़े.
FASTag लेने वालों की संख्या बढ़ी
बीते बुधवार तक 70 लाख से ज्यादा FASTags जारी किए जा चुके थे. 26 नवंबर, 2019 को एक दिन में सबसे ज्यादा 1,35,583 FASTags जारी किए गए.
सरकार द्वारा 1 दिसंबर से FASTag अनिर्वाय बनाए जाने की घोषणा के बाद हर रोज जारी होने वाले फास्ट टैग की संख्या में 330 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जुलाई में हर रोज औसतन 8,000 फास्टटैग जारी किए गए थे, जो नवंबर में बढ़कर 35,000 पर पहुंच गए हैं.
21 नवंबर से टैग फ्री किए जाने की घोषणा के बाद, FASTag जारी करने में तेजी से वृद्धि हुई है.
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और पारदर्शिता लाने के लिए, मंत्रालय ने 1 दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स कलेक्शन के लिए सभी गाड़ियों पर फास्ट टैग लगाए जाने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही टोल प्लाजा पर सभी लेन को 'फास्टैग लेन' घोषित करने के निर्देश दिए गए थे.
हालांकि, प्रत्येक दिशा में एक लेन को 'हाइब्रिड लेन' के रूप में रखने का निर्णय लिया गया है, जो FASTag के साथ-साथ भुगतान के अन्य तरीकों को भी स्वीकार करेगी.
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