पाकिस्तान में भारतीय हाई कमीशन में काम कर रहे दो कर्मचारियों को घंटों तक पुलिस ने अपनी हिरासत में रखा. जिसके बाद दोनों को सोमवार देर रात छोड़ दिया गया. इससे पहले दोनों कर्मचारियों के लापता होने की खबर सामने आई, जिसके बाद भारतीय हाई कमीशन ने पाकिस्तान पुलिस से संपर्क किया. अब भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस मामले को लेकर बयान सामने आया है. जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने इन दोनों कर्मचारियों को गैरकानूनी तरीके से 10 घंटे से ज्यादा की हिरासत में रखा.
टॉर्चर करने के भी आरोप
सिर्फ इतना ही नहीं, मंत्रालय ने अपनी प्रेस रिलीज में कई और बड़े खुलासे किए हैं. विदेश मंत्रालय ने बताया कि,
भारतीय हाई कमीशन से जुड़े दोनों कर्मचारियों को इंटेरोगेट किया गया. इसके अलावा दोनों कर्मचारियों को फिजकली टॉर्चर और मारपीट भी की गई. जिससे उन्हें चोट भी आई हैं.
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि दोनों कर्मचारियों को हिरासत में रखकर उनकी वीडियोग्राफी भी हुई और जबरन उन पर लगाए गए आरोपों को कबूल करने के लिए कहा गया. दोनों कर्मचारी जिस हाई कमीशन की कार में थे उसे भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया.
भारत ने जताया कड़ा विरोध
बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से आरोप लगाया गया था कि इंडियन हाई कमीशन के दोनों कर्मचारियों ने सड़क पर एक्सीडेंट किया और भागने की कोशिश की.
इस मामले को लेकर सरकार ने कहा है कि इन आरोपों के बाद पाकिस्तान हाई कमीशन को समन किया गया और मामले को लेकर विरोध जताया गया. जब ये दोनों भारतीय कर्मचारी सोमवार सुबह को अचानक गायब पाए गए तो भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि वो पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई की हिरासत में हो सकते हैं.
इससे पहले भी पाकिस्तान भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों के साथ ऐसी ही हरकत कर चुका है. जहां बताया गया कि भारत के बड़े डिप्लोमेट्स की कार का पाकिस्तान में कई दिनों तक पीछा किया गया. इस दौरान आईएसआई पर भारतीय अधिकारियों की जासूसी के भी आरोप लगे.
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