तीन लाख सीआरपीएफ कर्मियों के राशन भत्ते पर सरकार की कुल्हाड़ी चली है. सरकार की ओर से एक सूचना जारी कर कहा गया है कि सितंबर का राशन अलाउंस उन्हें नहीं मिलेगा. एक इंटरनल कम्यूनिकेशन में कहा गया है कि सितंबर में मंथली सैलरी में मिलने वाला उनका राशन अलाउंस नहीं मिलेगा. सीआरपीएफकर्मी हर महीने 3000 रुपये के इस भत्ते का इस्तेमाल कैंटीन और मेस से खाना खरीदने में करते हैं.
सरकार ने जारी नहीं किया 800 करोड़ रुपये का फंड
द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक बार-बार रिमाइंडर के बावजूद गृह मंत्रालय ने जुलाई, अगस्त और सितंबर के राशन भत्ते के लिए जरूरी 800 करोड़ रुपये जारी नहीं किए हैं.
सीआरपीएफ ने 22 जुलाई, 8 अगस्त और 9 सितंबर को भेजी सूचना में गृह मंत्रालय से 800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड मांगा था ताकि सैलरी के साथ इसे दिया जा सके. लेकिन गृह मंत्रालय की ओर से यह अतिरिक्त बजट नहीं आया है. लिहाजा सितंबर 2019 से राशन अलाउंस का पैसा नहीं दिया जा सकेगा. गृह मंत्रालय से इस बारे में सभी सीआरपीएफ कर्मियों को सूचित करने के लिए कहा गया है.
हालांकि टेलीग्राफ की इस रिपोर्ट पर सीआरपीएफ ने स्पष्टीकरण दिया है. इसमें कहा गया है
गृह मंत्रालय की ओर से 12.7.2019 को राशन अलाउंस के तौर पर हर सीआरपीएफकर्मी को 22,144 रुपये दिए गए हैं. यह रकम राशन मनी अलाउंस लेने वाले 2 लाख कर्मियों को दी गई है. यह छह महीने की रकम के बराबर है. एक तरह से यह एडवांस रकम है. लिहाजा राशन मनी अलाउंस की रकम न मिलने की बात बेबुनियाद है. सीआरपीएफ जवानों के कल्याण के लिए समर्पित है.
सूत्रों का कहना है कि राशन मनी अलाउंस का बंद होना लगभग तय है. अब पूरे देश के सीआरपीएफकर्मी गृह मंत्रालय में फोन कर रहे हैं. राशन मनी अलाउंस पूरे देश में तैनात सीआरपीएफ के कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर को मिलता है. राशन भत्ता बंद होने की सूचना से इन लोगों में निराशा है.
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