सरकार ने बुधवार को फसल वर्ष 2021-22 के दौरान धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 72 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसके साथ ही खरीफ की बाकी फसलों के एमएसपी भी बढ़ाए गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर से एमएसपी के बारे में 'आशंकाओं' को दूर करते हुए कहा, ‘‘एमएसपी (फसलों पर) जारी है, इसे बढ़ाया जा रहा है और भविष्य में भी यह क्रम जारी रहेगा.’’
मंत्रिमंडल ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के लिए धान (सामान्य किस्म) के एमएसपी को एक साल पहले के 1868 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1940 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसी तरह, बाजरा का एमएसपी चालू वर्ष के लिए पिछले वर्ष के 2150 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.
कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी को नियमित रूप से बढ़ाया जा रहा है और इसका लाभ किसानों तक पहुंच रहा है.
इस मामले पर कृषि मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है,
- ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने कृषि उपज की सरकारी खरीद, सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को स्वीकृति दे दी है.''
- ''बीते साल की तुलना में सबसे ज्यादा तिल यानी सेसामम (452 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके बाद तुअर और उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) के एमएसपी में बढ़ोतरी की सिफारिश की गई. मूंगफली और नाइजरसीड के मामले में, बीते साल की तुलना में क्रमशः 275 रुपये और 235 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.''
खरीफ की फसलों के एमएसपी में यह बढ़ोतरी ऐसे वक्त में हुई है, जब केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बहुत से किसानों का आंदोलन जारी है. प्रदर्शनकारी किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी की भी मांग कर रहे हैं.
(PTI के इनपुट्स समेत)
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