भारत में कोविड-19 महामारी पर हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT report) में छपे आलोचनात्मक लेख को सरकार ने "उत्तेजक और ध्यान आकर्षित करने वाला" पीस करार दिया है और कहा कि यह ऐसे समय में आया है जब देश महामारी से अच्छी तरह निपट रहा है.
14 सितंबर को अमेरिकी अखबार, न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक लेख में दावा किया गया था कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपने रिसर्च के निष्कर्षों को कोविड की दूसरी लहर के संकट के बावजूद PM मोदी के राजनीतिक लक्ष्यों को प्राथमिकता देने के लिए बदला था.
उठाए गए सभी मुद्दे पुराने हैं और शायद ध्यान देने योग्य नहीं हैं - ICMR के महानिदेशक
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख पर कहा
"यह एक उत्तेजक, ध्यान आकर्षित करने वाला लेख है जो ऐसे समय में प्रकाशित हुआ है जब भारत अच्छा कर रहा है. हमारा वैक्सीनेशन उत्कृष्ट है और यह ध्यान भटका रहा है. (लेख में) उठाए गए सभी मुद्दे पुराने हैं और शायद ध्यान देने योग्य नहीं हैं."
इसके साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि "हम पत्रकारिता और संपादकीय स्वतंत्रता को बहुत महत्व देते हैं और साथ ही हमें यह भी महसूस करना चाहिए कि हम सभी- केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें पूरी तरह से एक महामारी से लड़ने में लगे हैं. हमारी सारी ऊर्जा और समय उसी के लिए समर्पित है"
"हम उन चीजों से विचलित नहीं हो सकते जिन्हें बाद में संबोधित किया जा सकता है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से प्राथमिकता नहीं हैं”केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के पॉल ने भी लेख की निंदा की. उन्होंने कहा, "हम वास्तविकता से परे इस प्रकार की रिपोर्टिंग की निंदा करते हैं. यह सही नहीं है और ऐसा नहीं होना चाहिए"
'ICMR ने वैज्ञानिकों को दूसरी कोविड लहर के खतरे को कम आंकने को कहा, PM मोदी को राजनीतिक रूप से मदद की'- NYT का दावा
भारत में कोविड की दूसरी लहर आने से आठ महीने पहले, सितंबर 2020 में ICMR द्वारा रिव्यु और पब्लिश किये एक स्टडी को अपनी जांच का आधार बनाते हुए NYT ने अपने रिपोर्ट में कहा कि ICMR का पूर्वानुमान "गणित पर आधारित, सरकार द्वारा अनुमोदित और गहराई से, दुखद रूप से गलत" था.
अक्टूबर 2020 में इस्तीफा देने से पहले ICMR के साथ काम करने वाले वैज्ञानिक अनूप अग्रवाल ने NYT को बताया कि जब उन्होंने 'सुपरमॉडल' (एक गणितीय मॉडल जो बताये कि भारत में COVID-19 महामारी कैसे विकसित हो सकती है) के बारे में ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव के सामने चिंता जताई तो अग्रवाल को कथित तौर पर बताया गया था कि यह "उनके मतलब की बात नहीं थी".
लेख में NYT ने दावा किया कि इस तरह ICMR ने पीएम मोदी को उनके दो मुख्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद की - "भारत की त्रस्त अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने और आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार शुरू करने".
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