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जम्मू- कश्मीर: बच्चों का क्या कसूर, उनका स्कूल क्यों जला रहे हो?

पिछले 24 घंटे में यह तीसरी घटना है, पिछले सात दिनों में यह सातवीं घटना है और पिछले तीन महीनों में 25वीं घटना है.

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भारत
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जम्मू-कश्मीर में स्कूलों को आग के हवाले करके बच्चों के भविष्य से खिड़वाड़ किया जा रहा है. ताजा मामला जम्मू के अनंतनाग का है. यहां रविवार को दो और स्कूलों को आग के हवाला कर दिया गया. आतंकियों ने जवाहर नवोदय विद्यालय और गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल को आग लगाकर तबाह कर दिया.

10वीं और 12वीं की परीक्षा के ठीक पहले स्कूलों पर हमला, उन्हें आग के हवाले करना, सिर्फ इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि आतंकी के निशाने पर बच्चों का भविष्य है.

24 घंटे में तीसरी घटना है

पिछले 24 घंटे में यह तीसरी घटना है, पिछले सात दिनों में यह सातवीं घटना है और पिछले तीन महीनों में 25वीं घटना है. आतंकी सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों को आग के हवाले कर रहे हैं लेकिन सरकारी स्कूलों को जलाने के मामले ज्यादा है.

पिछले 112 दिनों से कश्मीर में हिंसा के दौरान 92 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं.

फाइनल एक्जाम का समय है

जम्मू-कश्मीर में 10वीं और 12वीं के छात्रों के अक्टूबर-नवंबर के महीने में फाइनल एक्जाम होते है. कश्मीर घाटी में हिंसा की वजह से स्कूल और बाजार पहले से ही बंद चल रहे थे. बच्चे घरों पर या ट्यूशन के सहारे अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे. लेकिन अब स्कूलों के तबाह हो जाने की वजह से बच्चें एक्जाम भी नहीं दे पाएंगे.

इन घटनाओं से पैरेंट्स और बच्चों को काफी नुकसान हो रहा है. हाईस्कूल-इंटर के छात्र इन्हीं एक्जामों में मार्कस के आधार पर प्रोफेशनल कोर्स चुनते हैं.

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