भारत ने इजरायल के साथ स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल का सौदा रद्द कर दिया है. क्योंकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इसे खुद बनाने का दावा किया है. डीआरडीओ का कहना है कि अगले दो सालों में इसी तरह की एंटी टैंक मिसाइल तैयार कर ली जाएगी. जिसके बाद इजरायल के साथ 500 मिलियन डॉलर (करीब 35 हजार करोड़) का यह सौदा रद्द कर दिया गया है.
कम लागत में होगी तैयार
अधिकारियों के मुताबिक इजरायल को इस सौदे के रद्द किए जाने की खबर दे दी गई है. इस सौदे के रद्द होने के बाद भारत को करोड़ों रुपये का फायदा होगा. भारत सरकार ने अब डीआरडीओ पर भरोसा जताया है. डीआरडीओ ने इसे इजराइल से काफी कम लागत में तैयार करने की बात कही है. पीएम मोदी के प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया के तहत ये बड़ा फैसला लिया गया है. इसके तहते विदेशों पर निर्भर होने की बजाय देश में ही ऐसे हथियार तैयार करने की योजना है.
बताया जा रहा है कि हजारों करोड़ रुपये के इस रक्षा सौदे पर भी राफेल लड़ाकू विमान सौदे की तरह सवाल खड़े हो सकते थे. इसीलिए रक्षा मंत्रालय की तरफ से डील रद्द करना और डीआरडीओ को बड़ी जिम्मेदारी सौंपना एक बड़ा कदम है
डीआरडीओ का दावा, हो चुकी है टेस्टिंग
डीआरडीओ ने यह भी दावा किया है कि ऐसी मिसाइल टेक्नोलॉजी के लिए उनकी तरफ से एक सफल परीक्षण भी किया जा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि अहमदनगर रेंज में इस मिसाइल का परीक्षण हुआ था. हालांकि मिसाइल को आगे अभी कुछ और परीक्षणों से गुजरना है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की डिलिवरी के लिए डीआरडीओ की तरफ से तारीख भी बता दी गई है. डीआरडीओ VEM टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करेगा.
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