तीन तलाक कानून के दो साल पूरे होने पर केंद्र सरकार 1 अगस्त को 'मुस्लिम महिला अधिकार दिवस' मनाएगी. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने बताया है कि 1 अगस्त को पूरे देश में 'मुस्लिम महिला अधिकार दिवस' (Muslim Women Rights Day) मनाया जाएगा. नकवी ने 'मुस्लिम महिला अधिकार दिवस' की घोषणा के साथ-साथ, तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने का श्रेय BJP को दिया.
1 अगस्त, 2019 को सरकार ने कानून लाकर तत्काल तलाक देने की प्रथा को कानूनी अपराध बना दिया था.
उन्होंने ये भी कहा कि कानून लागू होने के बाद तीन तलाक के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट आई है. नकवी ने कहा, "केंद्र ने देश की मुस्लिम महिलाओं के "आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और आत्मविश्वास" को मजबूत किया है और तीन तलाक के खिलाफ कानून लाकर उनके संवैधानिक, मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की है."
"देश भर में मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून का जबरदस्त स्वागत किया है."मुख्तार अब्बास नकवी
नकवी, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ 1 अगस्त को नई दिल्ली में "मुस्लिम महिला अधिकार दिवस" मनाने के लिए एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. 'इसे औपचारिक रूप से मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम कहा जाता है. ये 2019 में एनडीए सरकार के फिर से सत्ता में आने के बाद संसद में पेश किया गया पहला विधेयक था.
क्या है ये कानून?
यह कानून, जो तत्काल तीन तालक को गैरकानूनी घोषित करता है, उल्लंघन के लिए तीन साल की जेल निर्धारित करता है और उसे जुर्माना देने के लिए भी उत्तरदायी बनाता है. कानून ने तीन तलाक की प्रथा को एक अपराध बना दिया है, जिसमें पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है.
विपक्षी दलों ने कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उसने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया है. लेकिन केंद्र ने जोर देकर कहा कि ये मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय हासिल करने में मदद करता है.
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