ग्रेटर नोएडा की सूरजपुर और रेलवे पुलिस ने ट्रेनों में लूटपाट करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने एक ऐसी तरकीब का खुलासा किया है, जिससे तेज रफ्तार से दौड़ती ट्रेन फौरन रुक जाती थी.
रेलवे और नोएडा पुलिस लंबे वक्त से ट्रेनों में लूटपाट की घटनाओं से परेशान थे. बदमाश रेलवे का सिग्नल फेल कर पहले ट्रेन रोक लेते थे और फिर यात्रियों से लूटपाट कर फरार हो जाते थे.
‘ट्रेनों की रफ्तार पर ऐसे ब्रेक लगाते थे बदमाश’
नोएडा के अलावा गाजियाबाद, खुर्जा और अलीगढ़ में रेलवे का सिग्नल फेल होने की वजह से रुकी ट्रेनों में लूटपाट के दर्जनों मामले दर्ज हैं. रेलवे पुलिस संबंधित जिलों की पुलिस के साथ मिलकर लंबे वक्त से इस मामले की जांच कर रही थी. लूट के ज्यादातर मामलों में एक बात कॉमन थी कि ट्रेनें सिग्नल फेल होने की वजह से स्टेशन से पहले ही सुनसान इलाकों में रोकी गई थीं.
शुरुआती जांच में सामने आया कि कुछ अराजक तत्व दो रुपये के सिक्के से सिग्नल फेल कर ट्रेन रोकते थे.
बदमाश ट्रेन की पटरी के ज्वॉइंट के बीच दो रुपये का सिक्का डालकर सिग्नल फेल कर देते थे. इसके बाद ग्रीन सिग्नल, रेड हो जाता था और ट्रेन ड्राइवर खतरा भांपते हुए गाड़ी रोक देते थे. ट्रेन रुकते ही बदमाश उसमें दाखिल हो जाते थे और यात्रियों से लूटपाट कर फरार हो जाते.
पुलिस ने गिरोह के दो बदमाशों को किया गिरफ्तार
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने ऐसे ही गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, बदमाश लगातार दिल्ली-हावड़ा रूट और मुरादाबाद रूट पर ट्रेनों में घुसकर लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. दादरी-अलीगढ़ रूट बदमाशों का सॉफ्ट टारगेट था.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने इन रूटों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. फुटेज से एक बदमाश की पहचान हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने उसे साथी समेत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को अब इस मामले में पकड़े गए दो आरोपियों के साथियों की तलाश है.
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