किसी भी शादी के लिए सबसे जरूरी होते हैं लड़का और लड़की, फिर चाहे बराती, पंडित और मंडप भले ही ना हों. लेकिन हमारे देश में एक ऐसी भी जगह है, जहां शादी के लिए दूल्हे की जगह उसकी बहन ही बरात लेकर जाती है और अपने भाई के लिए दुल्हन लेकर आती है. सुनने में थोड़ा अजीब भले ही लगे, लेकिन ये हकीकत है.
गुजरात, मध्यप्रदेश से सटे तीन गांव सुरखेड़ा, सनाडा और अंबाला गांव की परंपरा ही अलग है. यहां दूल्हे की छोटी बहन अपने भाई की जगह बरात लेकर जाती है.
दूल्हे की बहन के साथ होते हैं फेरे
इस गांव की परंपरा के मुताबिक दूल्हा खुद अपनी शादी में नहीं जाता है, बल्कि वो अपनी मां के साथ घर पर ही रहता है. दूल्हे की जगह उसकी कुंवारी बहन बरात लेकर जाती है. वो सारे रीति-रिवाज निभाती है, जो एक दूल्हा निभाता है. यही नहीं वो अपनी भाभी के साथ मंगल फेरे भी लेती है और उसके बाद विदाई होती है. यहां के आदिवासी समाज के लोग इस परंपरा में आस्था रखते हैं और यही वजह है कि ये परंपरा सालों से यहां चली आ रही है.
ये भी पढ़ें- कटरीना ने सलमान से पूछा, ‘मुझसे शादी कब करोगे?
खास बात ये है कि दूल्हा भले ही घर पर रहता है, लेकिन उसकी तैयारी में कोई कमी नहीं रहती है. दूल्हा शेरवानी और साफा भी पहनता है और साथ में अपना पारंपरिक तलवार भी लेता है.
क्या है मान्यता?
यहां के लोगों की मान्यता है कि अगर दूल्हा खुद शादी करने जाता है तो उसका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं चलता है. इस गांव के लोग ये भी बताते हैं कि कुछ लोगों ने इस परंपरा से हटकर शादी करने की कोशिश की, तो उनके वैवाहिक जीवन में कई मुश्किलें आ गईं.
ये भी पढ़ें- बैंड, बाजा और बारात, इस शादी में सबकुछ था बस दुल्हन नहीं थी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)