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आसाराम के आश्रम को गुजरात के मंत्री ने इस बात पर दी बधाई

गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है.

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भारत
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गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. 29 जनवरी को चुडासमा ने अपने अधिकारिक लेटरहेड पर रेप केस में दोषी आसाराम के आश्रम को अपनी 'शुभकामनाएं' भेजी हैं. चुडासमा ने आसाराम के आश्रम में चलने वाले सालाना 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' के लिए बधाई दी है.

दरअसल, आसाराम के आश्रम में वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनाया जाता है.

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भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने शुभकामना पत्र में लिखा है, ''आसाराम का आश्रम मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाकर युवकों और युवतियों को संस्कारी बनाने का महान काम कर रहा है. साथ ही अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को देश का अच्छा नागरिक बनाने का महान काम कर रहा है.’’

मातृ-पितृ पूजन दिवस का मतलब है, अपने माता-पिता से प्यार करना और सम्‍मान देना. आसाराम के आश्रम की ओर से पश्चिमी सभ्यता पर रोक लगाने के लिए हर साल वैलेंटाइन डे पर ये मनाया जाता है.

शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा का ये शुभकामना वाला पत्र ट्विटर पर खूब वायरल हो रहा है.

जब क्विंट ने शिक्षा मंत्री से संपर्क किया, तो उनका कहना था, 'ये बहुत छोटा मामला है, इसको इतना भाव देने की जरूरत नहीं.'

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आसाराम की तस्वीर वाली इवेंट की ऐड

इस आश्रम के ऐड में आसाराम की तस्वीर भी थी,जिस पर लिखा हुआ है कि ये उसी से प्रेरित है.

पिछले साल अप्रैल में, जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को एक 16 साल की लड़की के बलात्कार के केस में मुजरिम करार दिया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. आसाराम और उसका बेटा नारायण साईं, दोनों दो बहनों के डबल रेप केस में गुजरात में आरोपी हैं, जिसमें रेप और बंदी बनाकर रखने का आरोप है.

गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है.

भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि अपने गुरु का सम्मान भी करना चाहिए.

‘’जो अपने माता, पिता और गुरु की सेवा करते हैं, वो अपने आप के लिए सम्मान. भारतीय संस्कृति में एक सूत्र है - मातृ देवो भव, पितृ देवो भव और आचार्य देवो भव - सबको प्रेरित करता है.’’
भूपेंद्र सिंह चुडासमा

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