भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार, 3 नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा (Gujarat Election 2022 Schedule) कर दी है. गुजरात में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को 2 चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे जबकि रिजल्ट 8 दिसंबर को आएंगे. चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है.
चुनाव आयोग ने बताया है कि
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए 182 सीटों पर कुल 4.9 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालने के लिए पात्र हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए 51,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 34,000 से अधिक मतदान केंद्र शामिल हैं.
मतदान के बेहतर अनुभव के लिए, 1274 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिला और सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा.
गुजरात विधानसभा चुनाव में 3,24,422 नए मतदाता इस बार पहली बार मतदान करेंगे.
बीजेपी के गढ़ में हाई वोल्टेज चुनाव के लिए EC की यह बहुप्रतीक्षित घोषणा तब हुई है, जब हाल ही में मोरबी पुल हादसे में 135 लोग मारे गए हैं. करीब 25 सालों से राज्य पर शासन कर रही बीजेपी और सीएम भूपेंद्र पटेल इस दुखद पुल हादसे के बाद से बैकफुट पर है.
बता दें कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है.
इससे पहले आयोग ने हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों के साथ गुजरात चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी. आयोग ने 14 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, जो 12 नवंबर को एक चरण में होगा और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी.
क्या 2017 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी बीजेपी?
इस साल की शुरुआत में पंजाब में अपनी प्रचंड जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी गुजरात की राजनीतिक में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.
2017 के राज्य चुनावों ने कांग्रेस ने भले ही दशकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश की थी लेकिन बीजेपी सत्ता बनाए रखने में कामयाब रही.
बीजेपी ने 2017 में 99 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की और राज्य में वैध वोटों का 49.05% हासिल किया. जबकि कांग्रेस ने 177 में से 77 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की.
बीजेपी के पास अभी भी एक शानदार चुनाव तंत्र और व्यापक कोर वोट बैंक है. गुजरात चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए प्रतिष्ठा की भी लड़ाई है और बीजेपी राज्य में जीत सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
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