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गुजरात की आवाज: GST समझ से बाहर, कांग्रेस-बीजेपी से नाराज मछुआरे  

जानिए इस चुनाव में गुजरात के लोग किसे चुनेंगे अपना नेता 

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गुजरात विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाहें हैं. पीएम मोदी का गृहराज्य होने की वजह से लोग इस चुनाव में खास दिलचस्पी ले रहे हैं. 22 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने के लिए पूरी जान लगा रही है, तो वहीं कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

क्विंट ने गुजरात विधानसभा से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने की खास तैयारी की है. हम गुजरात की आम जनता से बात करके उसके मन की बात आप तक पहुंचा रहे हैं. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.

कांग्रेस और बीजेपी से क्यों नाराज हैं मछुआरे

धर्मेश मोदी कहतें हैं सभी पार्टियां अपनी मन मर्जी का काम करती हैं कोई भी मछुआरे की समस्याओं पर ध्यान नहीं देता.धर्मेश न तो कांग्रेस से खुश है और न ही बीजेपी से. इसलिए वो इस बार के चुनाव में किसी को वोट नहीं देंगे.

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क्या व्यापारियों की समझ से बाहर है जीएसटी ?

किशोरभाई सूरत के रहने वाले हैं.वो कहते है कि जीएसटी से व्यापारियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद बिजनेस में 30 परसेंट तक की गिरावट आई है.कई टेक्सटाइल लेबर काम छोड़ चुके हैं. किशोरभाई कहते हैं, कि जीएसटी से सिस्टम सरल होना था लेकिन और उलझ के रह गया है.

क्या बीजेपी सरकार की योजनाओं से किसानों को हो रहा है फायदा ?

रमेशभाई पूरी तरह बीजेपी के समर्थन में हैं उनका कहना है की कभी-कभी परेशानियां आती हैं लेकिन बीजेपी सरकार किसानों का हमेशा साथ देती है. किसानों के लिए शुरू की गई सरकार की योजना से किसानों को बहुत फायदा हुआ है.

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कौन सी सरकार उम्रदराज लोगों के लिए काम करेगी ?

सकीना भारमल, इंटरनेशनल स्कूल में एजुकेटर हैं. वो कहती हैं कि मेरे लिए सबसे बड़ी चिंता बूढ़े माता-पिता की देखभाल करना है. ज्यादातर प्रत्याशी केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देते हैं, लेकिन वे इंसानों की चिंता करना भूल जाते हैं. वो कहतीं हैं कि वो ऐसे प्रत्याशी को वोट नहीं करेंगी, जो केवल इंफ्रास्ट्रक्चर पर नजर रखते हैं. सकीना ऐसे उम्मीदवार को वो वोट देंगी जो पुराने और नए लोगों को एक साथ लेकर चलें.

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