एक युवा विकास अधिकारी को गुजरात सरकार के युवा सेवा और सांस्कृतिक गतिविधि विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने वलसाड जिले के कई सरकारी और निजी स्कूल में छात्रों के लिए 'मारो आदर्श नाथूराम गोडसे' (मेरा आदर्श नाथूराम गोडसे) (Nathuram Godse) विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता आयोजित करवाई.
इस मामले में अब जांच भी शुरू कर दी गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वलसाड जिला कलेक्टर क्षिप्रा अग्रे ने बताया कि, “हमने गांधीनगर में सांस्कृतिक विभाग के उच्च अधिकारियों से एक आदेश प्राप्त करने के बाद संबंधित अधिकारी नीताबेन गवली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही घटना की जांच भी शुरू कर दी है."
जिला शिक्षा अधिकारी बीडी बरैया ने कहा, “हमें कुसुम विद्यालय में आयोजित इस तरह के कार्यक्रम के बारे में पता नहीं था क्योंकि यह जिला युवा विकास कार्यालय द्वारा किया गया था."
वहीं कुसुम विद्यालय, जहां यह कार्यक्रम हुआ, वहां के ट्रस्टी विवेक देसाई ने कहा, 'हमारे स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में एक भी छात्र या शिक्षक ने हिस्सा नहीं लिया है. हमें प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए अपनी कक्षाओं की व्यवस्था करने के लिए जिला युवा विकास कार्यालय से एक पत्र मिला था.”
"ये गोडसे के नायक होने के बारे में सिखाने का एक बेहद शर्मनाक प्रयास है"
यह खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने इस घटना की निंदा की और ट्वीट किया, "वलसाड में भाषण प्रतियोगिता के नाम पर बच्चों को गोडसे के नायक होने के बारे में सिखाने का यह एक बेहद शर्मनाक प्रयास है और इस तरह उनके मन में महात्मा गांधी के लिए नफरत पैदा हो गई है."
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने गोडसे की पूजा बंद नहीं की तो एक सार्वजनिक आंदोलन हो सकता है.
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