ADVERTISEMENTREMOVE AD

राम रहीम को पैरोल की पैरवी कर रही हरियाणा सरकार, लेकिन हैं कई पेंच

गुरमीत राम रहीम ने दी थी परोल की अर्जी

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रेप और हत्या के मामले में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर चर्चा में है. इस बार राम रहीम की रिहाई को लेकर खबरें तेज हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि उसे एक महीने से ज्यादा की परोल मिल सकती है, लेकिन ऐसा मुमकिन होता नहीं दिख रहा है. दरअसल, राम रहीम ने खेती करने को आधार बनाकर पैरोल मांगी है, लेकिन वो किसी भी जमीन का मालिकाना हक नहीं रखता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
राम रहीम ने कोर्ट से अपनी जमीन में खेती का हवाला देते हुए छुट्टी की मांग की थी. ये तभी संभव है जब खुद राम रहीम के नाम पर जमीन रजिस्टर्ड हो. लेकिन ऐसा नहीं है, सारी जमीन उसके ट्रस्ट डेरा सच्चा सौदा के नाम पर है. इसीलिए उसकी ये दलील खारिज हो सकती है.

कानून व्यवस्था पर भी नजर

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को परोल देने को लेकर चल रही चर्चा के बीच कानून व्यवस्था पर भी नजर डाली जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशासन कानून व्यवस्था को लेकर भी चिंता में है. राम रहीम के बाहर आने पर कानून व्यवस्था बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा डेरा में पहुंचने के बाद राम रहीम पर 24 घंटे नजर रख पाना भी मुमकिन नहीं है.

हरियाणा सरकार का समर्थन

गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार का भी समर्थन मिलता दिख रहा है. उसकी परोल को लेकर हरियाणा सरकार के मंत्री भी शिफारिश कर रहे हैं. मंत्री अनिल विज एक बार फिर खुलकर राम रहीम के समर्थन में उतर आए हैं. उनका कहना है कि परोल पाना राम रहीम का अधिकार है.

वहीं खुद जेल मंत्री भी राम रहीम को आजाद करने के लिए उत्सुक दिख रहे हैं. हरियाणा के जेल मंत्री के एल पंवार ने कहा है कि अच्छे आचरण वाले हर दोषी को 2 साल की जेल के बाद परोल मिलती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनाव को देखकर हो रही पैरोल की मांग: ट्विटर

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राम रहीम की आजादी को लेकर ट्विटर पर भी काफी बहस देखने को मिली. पैरोल को लेकर हरियाणआ सरकार की चिंता को कई लोगों ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव का असर बताया. लोगों का कहना था कि आगामी चुनावों को देखते हुए ये कवायद तेज हो रही है. कुछ बड़े पत्रकारों ने भी इस पर सवाल उठाए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×