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राम रहीम से क्यों डरते हैं नेता?क्या है बाबा और सियासत का रिश्ता?

भले ही राम रहीम आज कानून के चंगुल में फसते नजर आ रहे हैं लेकिन इसके पहले कई नेता उनके दर पर नजर आए हैं.

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भारत
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अपनी ही शिष्‍या और एक साध्वी के रेप मामले से एक बार फिर डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह सुर्खियों में हैं. भले ही वे आज कानून के चंगुल में फंसते नजर आ रहे हैं, लेकिन इससे पहले कई बड़े राजनीतिक दल और उनके नेता बाबा राम रहीम के डेरे पर आशीर्वाद लेते नजर आए हैं.

द इकनॉमिक टाइम्स में राघव ओहरी लिखते हैं कि साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के कई उम्मीदवार बाबा राम रहीम से आशीर्वाद लेने आए थे.

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बीजेपी के बड़े नेताओं ने की बाबा से मुलाकात

कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में राम रहीम का समर्थन लेने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी.

इस मुलाकात के कुछ ही दिन बाद डेरा ने बीजेपी को हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया था. डेरा के इतिहास में यह पहली बार था कि डेरा ने किसी राजनीतिक दल का खुलकर समर्थन किया हो.

कांग्रेस भी पहुंची थी बाबा के दर पर

वहीं 15 अक्टूबर, 2014 को इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, 2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने भी बाबा गुरमीत राम रहीम से मिलकर समर्थन मांगा था.

लेकिन सवाल ये है कि बाबा राम रहीम के दर पर नेताओं को जाने की जरूरत क्यों पड़ी?

बाबा का दावा- करोड़ों भक्त हैं उनके

बाबा के सबसे ज्यादा आश्रम हरियाणा और पंजाब में है. जाहिर है, इन्हीं दो राज्यों में इनके अनुयायी सबसे ज्यादा हैं. कहते हैं कि दोनों राज्यों में बाबा राम रहीम के भक्तों की संख्या इतनी ज्यादा है कि ये किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनाने और गिराने में अहम रोल अदा करते हैं.

दावा तो ये भी है कि डेरा से जो आदेश जारी होता है, अनुयायी आंख बंद करके उसका पालन करते हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों और नेताओं में बाबा के दर पर जाने के बाद एकमुश्त वोट मिलने की उम्मीद पैदा हो जाती है.


भले ही राम रहीम आज कानून के चंगुल में फसते नजर आ रहे हैं लेकिन इसके पहले कई नेता उनके दर पर नजर आए हैं.
गुरमीत राम रहीम

देश के कई राज्यों में उनके आश्रम हैं, जिनमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं. इसके अलावा विदेशों में भी गुरमीत राम रहीम के भक्तों की अच्छी खासी संख्या है. डेरा सच्चा सौदा का दावा है कि दुनियाभर में राम रहीम के भक्तों की संख्या करोड़ों में है.

पंजाब के मालवा में है पकड़

गुरमीत राम रहीम का हेड ऑफिस या यूं कहे डेरा सच्चा सौदा का मुख्य आश्रम हरियाणा के सिरसा में है, जो पंजाब के बॉर्डर से सटा इलाका है.

पंजाब के मालवा इलाके में 13 जिले आते हैं, जिनमें करीब 4 दर्जन से भी ज्यादा विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों पर बाबा और डेरा के लाखों समर्थक है. वहीं हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से करीब 3 दर्जन सीटों पर बाबा और डेरा का असर माना जाता है. 


भले ही राम रहीम आज कानून के चंगुल में फसते नजर आ रहे हैं लेकिन इसके पहले कई नेता उनके दर पर नजर आए हैं.

एक वक्त कांग्रेस के साथ

भले ही गुरमीत राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा ने 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को खुलकर समर्थन नहीं दिया था. लेकिन ये बात साफ थी कि कांग्रेस को डेरा का साथ मिला हुआ था. इस साथ का असर इस तरह हुआ कि मालवा इलाके में कांग्रेस पार्टी को बढ़त हासिल हुई.

गुरमीत राम रहीम से राजनीतिक दलों की करीबी एक बड़े वोटबैंक की चाहत के तौर पर देखी जा सकती है. अब जबकि रेप मामले में वे दोषी करार दिए गए हैं, उनसे नजदीकी बनाने वाले अपनी दूरी बढ़ाएंगे.

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