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गुरमीत राम रहीम ने बिना शर्त वापस ली परोल की अर्जी

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने बिना शर्त परोल की अर्जी वापस ले ली है.

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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने बिना शर्त परोल की अर्जी वापस ले ली है. इंडियन एक्सप्रेस ने ये खबर दी है. हाल ही में गुरमीत राम रहीम ने खेती करने के लिए परोल की अर्जी दाखिल की थी. दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में गुरमीत राम रहीम 20 साल की कैद भुगत रहा है. फिलहाल, वो रोहतक की सुनरिया जेल में बंद है. इस साल जनवरी में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम और तीन दूसरे लोगों को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

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परोल की अर्जी पर हुआ था विवाद

गुरमीत राम रहीम ने जब इसी महीने परोल की अर्जी दाखिल की तो ये सोशल मीडिया पर बड़ा मुद्दा बना था. हरियाणा सरकार साफ-साफ तो कुछ नहीं कह रही थी लेकिन संकेत राम रहीम के समर्थन में ही दिख रहे थे. राम रहीम के परोल पर राज्य के जेल मंत्री के एल पंवार ने कहा था कि अच्छे आचरण वाले हर दोषी को 2 साल की जेल के बाद परोल मिलती है. सीएम खट्टर ने कहा था कि देश में एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें सभी को परोल की मांग रखने का अधिकार है और किसी को रोका नहीं जा सकता.

डेरा सच्चा सौदा का पॉलिटिकल कनेक्शन

बता दें कि गुरमीत राम रहीम डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है. डेरा का दावा है कि उसके पांच करोड़ समर्थक हैं. सिर्फ हरियाणा में ही इसके 25 लाख समर्थक बताए जाते हैं. यही वजह है कि गुरमीत राम रहीम का डेरा सच्चा सौदा बीते एक दशक से कई दलों के लिए अहम वोटबैंक रहा है. 2007 में डेरे में राजनीतिक मामलों की शाखा का गठन किया गया था.

शाखा ये फैसला करती है कि डेरा समर्थकों को किस पार्टी या नेता को समर्थन देना है. 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था, जबकि 2014 के आम चुनावों में उसने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में राम रहीम का समर्थन लेने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी. इस मुलाकात के कुछ ही दिन बाद डेरा ने बीजेपी को हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया था.

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