ADVERTISEMENTREMOVE AD

'ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था', ASI सर्वे के हवाले से हिंदू पक्ष का दावा

Gyanvapi Survey Report: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में 24 जुलाई 2023 को शुरू हुआ सर्वे 153 दिन तक चला था.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) की ASI सर्वे की रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णुप शंकर जैन ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि "ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था. यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है."

बता दें कि गुरुवार, 25 जनवरी को जिला जज की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की ASI सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंपी गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?

ज्ञानवापी की ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने ASI की रिपोर्ट के हवाले से बताया, "ASI ने कहा है कि सर्वेक्षण के दौरान, मौजूदा और पहले से मौजूद संरचना पर कई शिलालेख मिले हैं. वर्तमान सर्वेक्षण के दौरान कुल 34 शिलालेख मिले हैं." इसके साथ ही उन्होंने कहा,

"जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को पुन: उपयोग कर ये मस्जिद बनाया गया. इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं."

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, "संरचना में पहले के शिलालेखों के पुन: उपयोग से पता चलता है कि पहले की संरचनाओं को नष्ट कर दिया गया था और उनके हिस्सों को मौजूदा संरचना की निर्माण मरम्मत में पुन: उपयोग किया गया था.

"इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं."

20 जनवरी को हुई थी वजूखाने की सफाई

इससे पहले 20 जनवीर को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद सील वजूखाने की सफाई की गई थी. दोनों पक्ष से दो-दो पक्षकार, अधिवक्ता, पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में सफाई करवाया गया था. SC के आदेश पर जिलाधिकारी वाराणसी ने ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की साफ-सफाई का निर्णय लिया था.

153 दिन तक चला सर्वे

ज्ञानवापी मस्जिद में 24 जुलाई 2023 को शुरू हुआ ASI सर्वे 153 दिन तक चला था. 18 दिसंबर को वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दो सील बंद लिफाफे दाखिल हुए थे. बुधवार, 24 जनवरी की शाम को ज्ञानवापी की ASI सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर जिला जज ने सहमति जताई. जिसके बाद गुरुवार को ये रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष को सौंपी गई.

इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर आपत्ति जताई थी. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि रिपोर्ट की कॉपी शपथ पत्र लेकर दी जाए ताकि उसे लीक नहीं किया जाए. उन्होंने रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी गई थी.

बता दें कि ज्ञानवापी को लेकर साल 2022 के मई में सर्वे का काम अदालत के आदेश पर शुरू हुआ था. इसमें कोर्ट कमिश्नर की देख-देख में सर्वे कराया गया था. बाद में सर्वे रिपोर्ट, फोटो और वीडियो लीक हो गए थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×