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Gyanvapi Masjid: वाराणसी कोर्ट में 26 मई को होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Verdict: 23 मई को वाराणसी जिला कोर्ट में करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली.

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ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Masjid) पर वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई टल गई है. कोर्ट अब 26 मई को इस मामले पर सुनवाई करेगा. कोर्ट में सबसे पहले आर्डर 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मुकदमे की अस्वीकृति के संबंध में 7 11 CPC के तहत मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई 26 मई को होगी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.

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23 मई को 45 मिनट चली सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 23 मई को वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. दोनों पक्षों ने बारी-बारी से अपनी बातों को रखा. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में करीब 45 मिनट तक सुनवाई चली. दोनों पक्षों के कुल 23 लोगों यानी 19 वकील और 4 याचिकाकर्ता कोर्ट रूम में मौजूद रहे. वहीं, कोर्ट कमिश्नर रहे अजय मिश्रा को कोर्ट रूम जाने से रोक दिया गया. बताया जा रहा है कि लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया.

20 मई को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने ज्ञानवापी केस को वाराणसी जिला जज की कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने 51 मिनट चली सुनवाई में साफ शब्दों में कहा था कि मामला हमारे पास जरूर है, लेकिन पहले इसे वाराणसी जिला कोर्ट में सुना जाए. कोर्ट ने कहा था कि जिला जज 8 हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करेंगे.

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई के मुख्य बातें

  • श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में मंगलवार को सुनवाई करते हुए जिला जज वाराणसी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आदेश 7 नियम 11 सीपीसी में प्रतिवादी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर अगली तारीख को प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई होगी. इसके लिए जिला जज ने 26 मई की तारीख मुकर्रर की है.

  • श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में उपरोक्त वाद के अलावा अन्य सभी वादों का निस्तारण इस वाद के निबटारे के बाद ही सुनिश्चित किया जाएगा.

  • सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को सुनवाई करते हुए आदेश दिया था की वादी पक्ष जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कह रहा है, उस स्थान को तत्काल संरक्षित किया जाए. वहीं, दूसरी ओर प्रतिवादी पक्ष की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि नमाज उसी स्थल पर होगी जहां पूर्व में होती रही है. यह अंतरिम आदेश 17 मई से अगले 8 सप्ताह तक प्रभावी रहेगा.

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