ADVERTISEMENTREMOVE AD

ज्ञानवापी तहखाने में 30 साल बाद की गई पूजा, ओवैसी बोले- 'ये उपासना स्थल का उल्लंघन'

Gyanvapi Masjid: एक पुजारी ने सुबह करीब 3 बजे पूजा की, उसके बाद आरती हुई.

Published
भारत
3 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा

वाराणसी प्रशासन ने जिला अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए गुरुवार, 1 फरवरी की सुबह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Masjid) के दक्षिणी हिस्से में 'व्यास जी का तहखाना' में पूजा की अनुमति दे दी. यह कार्रवाई हाल ही में एक अदालत के आदेश के बाद हुई है, जिसमें ऐतिहासिक स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान करने के अधिकार को बरकरार रखा गया है. बाबरी मस्जिद विध्वंस के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश पर इसे सील कर दिया गया था. इसके, 30 साल बाद एक पुजारी ने सुबह करीब 3 बजे पूजा की, उसके बाद आरती हुई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कड़ी सुरक्षा के बीच हुई पूजा

पूजा शुरू होने से पहले, वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट, एस राजलिंगम और पुलिस आयुक्त, अशोक मुथा जैन ने आधी रात के आसपास एक बैठक बुलाई. लगभग दो घंटे तक चली यह बैठक काशी विश्वनाथ धाम परिसर के एक हॉल में बुलाई गई थी.

विचार-विमर्श के बाद, जिला प्रशासन ने अदालत के फैसले के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए कदम उठाए. दक्षिणी तहखाने तक आसानी से पहुंचने की अनुमति देने के लिए बैरिकेड्स के भीतर एक रास्ता साफ कर दिया गया, जिससे दक्षिणी तहखाने में पूजा अनुष्ठानों का पालन सुनिश्चित हो सके.

राजलिंगम ने कहा कि बैरिकेडिंग हटा दी गई है और कोर्ट के आदेश का पालन किया गया है.

Gyanvapi Masjid: एक पुजारी ने सुबह करीब 3 बजे पूजा की, उसके बाद आरती हुई.

ज्ञानवापी के व्यास जी परिसर में पूजा करते पुजारी

उत्साहित श्रद्धालु ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में प्रार्थना करने के बाद अपनी खुशी व्यक्त करते हुए दिखाई दिए. प्रार्थना करने के बाद परिसर के बाहर आए श्रद्धालु में से एक ने एएनआई को बताया...

"हमने नंदी बैल को देखा. हम पूजा करने के लिए कल से इंतजार कर रहे हैं. मंदिर बनना चाहिए. हम पूजा करने के बाद बहुत खुश हैं."

बता दें कि मस्जिद परिसर के तहखाने में चार 'तहखाने' हैं और व्यास परिवार उनमें से एक पर कब्जा होने का दावा करता है. शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास ने याचिका दायर की थी कि वंशानुगत पुजारी के रूप में उन्हें तहखाना में प्रवेश करने और पूजा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए.

Gyanvapi Masjid: एक पुजारी ने सुबह करीब 3 बजे पूजा की, उसके बाद आरती हुई.

सुबह हुई पूजा

फोटो- क्विंट हिंदी

0

अंजुमन इतेजामिया मसाजिद कमेटी के वकील ने क्या कहा?

हालांकि, अंजुमन इतेजामिया मसाजिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने दावों का खंडन करते हुए कहा...

“व्यास परिवार ने कभी भी तहखाने में पूजा नहीं की. तहखाने में कोई मूर्ति नहीं थी. यह कहना गलत है कि तहखाने पर व्यास परिवार के लोगों का कब्जा था. तहखाना अंजुमन इतेजामिया मस्जिद कमेटी के कब्जे में है.”

"पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन"- असदुद्दीन ओवैसी

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वाराणसी अदालत द्वारा हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 'व्यास का तहखाना' क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति देने का फैसला पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है.

असदुद्दीन औवेसी ने कहा...

''जिस जज ने फैसला सुनाया, वह रिटायरमेंट से पहले उनका आखिरी दिन था. जज ने 17 जनवरी को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त किया और आखिरकार उन्होंने सीधे फैसला सुना दिया. उन्होंने खुद कहा कि 1993 के बाद से कोई नमाज नहीं पढ़ी गई. 30 साल हो गए हैं. उन्हें कैसे पता कि अंदर मूर्ति है? यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×