उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Survey) को लेकर लगभग डेढ़ साल से देश और विदेश के लोगों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. 24 जुलाई 2023 को शुरू हुआ सर्वे 153 दिन बाद खत्म हुआ था. 18 दिसंबर को वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दो सील बंद लिफाफे दाखिल किए गए.
ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर 21 दिसंबर को निर्णय नहीं आ सका. वाराणसी कचहरी में हड़ताल और 31 जनवरी तक बंदी को लेकर वाराणसी जिला जज ने मामले में 3 जनवरी की तारीख तय कर दी है. मामले से जुड़े हर मुद्दे को 3 तारीख को ही सुना जाएगा.
मुस्लिम पक्ष ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने से रोकने की लगाई थी गुहार
भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) ने 18 दिसंबर को जिला जज की अदालत में रिपोर्ट दाखिल की थी. हिंदू पक्ष ने अदालत से सर्वे रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया था, तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी.
मुस्लिम पक्ष का कहना था कि रिपोर्ट की प्रति शपथ पत्र लेकर दी जाए कि वह लीक नहीं की जाएगी. उन्होंने रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी गई थी.
पहले भी लीक हुई थी सर्वे रिपोर्ट
ज्ञानवापी को लेकर साल 2022 के मई में सर्वे का काम अदालत के आदेश पर शुरू हुआ था. इसमें कोर्ट कमिश्नर की देख-देख में सर्वे कराया गया था. बाद में सर्वे रिपोर्ट, फोटो और वीडियो लीक हो गए थे. इसी का हवाला देते हुए इस बार मुस्लिम पक्ष रिपोर्ट की कॉपी लेने से पहले शपथ पत्र दाखिल करने की मांग पर अड़ा है.
कई बार समय बढ़ा, 153 दिन लगे, तब पेश हुई सर्वे रिपोर्ट
जिला जज की अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था. सर्वे, रिपोर्ट तैयार करने और उसे अदालत में दाखिल करने में कई बार अदालत से समय बढ़ाने की मांग की गई. 153 दिन बाद सर्वे रिपोर्ट दाखिल की गई. एएसआई की ओर से सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी वाराणसी को सुपुर्द किए गए सबूतों की लिस्ट भी अदालत में दाखिल की गई. साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी अदालत में दिया गया, जिसमें यह बताया गया है कि एएसआई ने सर्वे का काम कैसे किया है.
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